पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ के महाघोटालों का असर बैंक के ग्राहकों पर भी दिख सकता है। ऐसे घोटाले में सबसे पहले टैक्स पेयर्स के पैसे ही बर्बाद होते हैं। जानकारों का कहना है कि इस महाघोटाले से सकते में आई बैंक अब लोन प्रक्रिया में ग्राहकों के सामने और भी मुश्किल खड़ा कर सकता है। लोन लेने की प्रक्रिया पहले से अधिक सख्त होने के साथ ही बैंक के सामने वित्तिय संकट भी गहरा सकता है। क्योंकि इस घोटाले में पीएनबी के पूरे मार्केट कैप की लगभग एक-तिहाई रकम घोटाला हुआ है। बताया जा रहा है कि बैंक 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लोन दे चुका है।

 

किसी भी देनदारियों को पूरा करने की क्षमता

बैंक ने दावा किया है कि बैंक के पास किसी भी देनदारियों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। अतः ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। इस तरह बैंक ने लोगों की चिंता को कम करने की कोशिश की है। बैंक ने यह भी कहा है कि ग्राहक को किसी भी लेनदेन में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस संबंध में बैंक स्टॉक एक्सचेंज की ओर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था। जिसके एवज में बैंक ने कहा है कि किसी भी देनदारी को पूरा करने के लिये बैंक के पास पर्याप्त संपत्तियां हैं। कहा कि ग्राहकों की किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए उसने पर्याप्त उपाय किए हैं।

बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को यह भी कहा कि जरूरत के समय बोर्ड की स्वीकृति से किसी संपत्ति के विक्रय का फैसला भी किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में भी कहा गया था कि बैंक अपनी कुछ संपत्तियों को बेचने की तैयारी में है। मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच को सील करने पर पीएनबी ने कहा कि सीबीआई से इस बात को लेकर आग्रह किया जा रहा है कि काम के घंटों में आम कामकाज की छूट दी जाए।

 

अफवाहों का बाजार गर्म, आशंकित है ग्राहक

पीएनबी में हुए इस बड़े घोटाले के बाद बैंकों में जमा आम लोगों के पैसे डूबने संबंधी अफवाह भी जोरों पर है। हालांकि सरकार और उससे जुड़ी विभिन्न एजेंसियों ने सफाई दी है जिसके बाद लोगों का डर कम हुआ है। लोगों की आशंकाएं प्रस्तावित फाइनेंशियल रेजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल, 2017 को लेकर भी हैं। इसके तहत बैंक में जमा आपकी 1 लाख रुपये तक की रकम ही इंश्योर्ड है। इसके अलावा जो पैसे हैं, वे किसी भी कानून के तहत गारंटीड नहीं हैं। जबकि आमतौर पर बैंकों में जमा लोगों के पैसे को पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि कोई भी सरकार और रिजर्व बैंक किसी भी बैंक को डूबने नहीं देती है।

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