भोपाल एनकाउंटर में सिमी के 8 आतंकियों के मारे जाने के बाद विवाद अभी थम नहीं रहा है. लेकिन इसके साथ एक सवाल ये भी था कि हेड कांस्टेबल की मौत भी उसी जेल के अन्दर हुई थी. सवाल ये उठ रहा था कि कितने सुरक्षाकर्मी उस वक्त जेल में मौजूद थे. इसको लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है.

कुल 160 में से 80 सुरक्षाकर्मी जेल के बाहर मंत्रियों और अफसरों के घर थे तैनात:

  • जेल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी जेल में थे ही नही.
  • ये लोग मंत्रियों और अफसरों के घर पर तैनात थे.
  • रमाशंकर यादव आतंकियों को रोकने के प्रयास में शहीद हो गए.
  • अगर ये सारे सुरक्षाकर्मी मौके पर मौजूद होते तो उनकी मदद कर सकते थे.
  • इस प्रकार रमाशंकर यादव की जान भी बच सकती थी.
  • अब जबकि ये सच सामने आ गया तो जेल प्रशासन की लापरवाही की चर्चा होने लगी है.
  • इस लापरवाही ने हेड कांस्टेबल रमाशंकर यादव की जान ले ली.
  • 20 सुरक्षाकर्मी जेल मुख्यालय में जबकि 10 प्रमुख सचिव जेल के यहाँ तैनात थे.
  • 4 जेल मंत्री के यहाँ जबकि 4 पूर्व जेल मंत्री और 4 सुरक्षाकर्मी जेल अधीक्षक के घर तैनात थे.
  • कुल 80 सुरक्षाकर्मी जेल से बाहर ड्यूटी के लिए तैनात थे जबकि इन्हें जेल परिसर में होना चाहिए था.

इस पूरी घटना की जाँच की जाने की बात सामने आई है. रिटायर्ड जज की देखरेख में इस पूरी घटना की जाँच की जाएगी. ये उस जेल की हालत बयान कर रही है जिसे भारत की सबसे अधिक सुरक्षित जेल में से एक माना जाता है.

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पूर्व नियोजित नहीं था एनकाउंटर:

एनकाउंटर को लेकर चल रहा गतिरोध ख़त्म होता दिख रहा है. एक ऑडियो क्लिप सामने आया है जिसमें पुलिसकर्मियों को बात करते हुए सुना गया है. आतंकियों द्वारा हो रही गोलीबारी के जवाब में पुलिस ने कार्यवाई की और सारे आतंकी मारे गए.

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