हम कुछ ही दिन पहले भारत और बांग्लादेश के बीच सुधरते रिश्तों के बारे में बात कर रहे थे। आज का दिन इस मामले में मील का पत्थर है, और यह बहुत ही दुखद है कि भारतीय अखबारों ने इसे कवर नहीं किया है।

Chittagong Port, Bangladesh
Chittagong Port, Bangladesh
  • टीईयू (साधारण भाषा में कंटेनर) से भरा हुआ एक बांग्लादेशी समुद्री जहाज एमवी हार्बर1 चटगांव बंदरगाह से आन्ध्र प्रदेश के कृष्णापटनम बंदरगाह के रवाना हो चुका है।
  • यह भारत और बांग्लादेश के बीच तटीय पोत-परिवहन समझौते के क्रियान्यवयन को दर्शाता है, जिस पर पिछले साल प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे।
  • इसका मतलब यह है कि अभी तक उत्तर-पूर्व राज्यों के कंटेनरों को बांग्लादेश बंदरगाह जाने से पहले सिंगापुर या श्रीलंका होकर जाना पड़ता था और तब उन्हें जमीनी रास्ते से उत्तर-पूर्व भेजा जाता था। जिसमे लगभग 15 दिन लगते थे।
  • अब सीधे रास्ते की जलयात्रा में 5 दिन लगेंगे, और उड़ीसा या पश्चिम बंगाल से उससे भी कम, लगभग 2 दिन लगेंगे।
  • आज भारतीय राजनीति और उत्तर-पूर्व के लोगों के लिए बहुत ही बड़ा दिन है। हमारे जैसे लोगों के लिए भी जिन्होंने इंदिरा गांधी को कभी माफ़ नहीं किया क्योंकि उन्होंने 1971 के संघर्ष के समय चटगांव को अपनी गिरफ्त में नहीं लिया था, उसके बाद यह दूसरी सबसे अच्छी चीज है। हम सभी को इस प्रधान उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री जी को बधाई देनी चाहिए।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें