बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भीमराव रामजी आम्बेडकर की 127वीं जयंती पर मौलाना मजहरूल हक सभागार में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने संविधान प्रदत आरक्षण की व्यवस्था को लेकर इन दिनों हो रही राजनीति पर कड़े शब्दों में कहा कि धरती पर किसी में भी इतनी ताकत नहीं है कि वह आरक्षण को खत्म कर दे।

नीतीश कुमार ने आरक्षण को लेकर दिया बड़ा बयान:

देशभर में आरक्षण को लेकर एक ओर जहां जबरदस्त हंगामा हो रहा है, वहीं ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। आरक्षण संबंधी अपने बयान में नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक धरती है, तब तक आरक्षण रहेगा और धरती पर किसी में भी इतनी ताकत नहीं है कि वह आरक्षण को खत्म कर दे। भीमराव अम्बेडकर 127वीं जयंती पर पटना के हज भवन में जदयू की ओर से आयोजित कार्यक्रम के संबोधित करते हुए नीतीश ने ये बात कही।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी—एसटी एक्ट में संशोधन संबंधी आदेश के विरोध में 2 अप्रैल को देशभर में हुए उग्र विरोध के बाद 10 अप्रैल को आरक्षण के विरोध में बंद रखा गया था। ऐसे में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम सत्ता की चिंता नहीं करते लोगों की चिंता करते हैं।

उन्होंने कहा, “सत्ता रहे या जाए बुनियादी उसूलों से कभी समझौता न किया है और न करूंगा।”

“राजद और कांग्रेस आज आरक्षण की बात करते हैं। राजद-कांग्रेस बतायें कि उन्होंने 2001 में पंचायत चुनाव में क्यों नही आरक्षण दिया?”

“मंशा और काम करने का तरीका होना चाहिए, आज समाज के उपेक्षित लोगों को उनकी भागीदारी मिल रही है।”

नीतीश ने कहा कि डाॅ. आम्बेडकर ने कमजोर तबके के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की है, धरती पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो उसे समाप्त कर दे। यह बिल्कुल ही असंभव बात है। उन्होंने कहा कि अब नई पीढ़ी के लोगों में भी डाॅ. आम्बेडकर के प्रति आकर्षण पैदा हुआ है यह अच्छी बात है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश में जो आरक्षण की व्यवस्था लागू है, उससे छेड़छाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है। नीतीश ने चेताया कि अगर आरक्षण व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कोई भी व्यक्ति करता है तो वह उस में सफल नहीं हो पाएगा।

इस मौके पर नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह पार्टियां दलितों के झूठे हितैषी बन रहे हैं। नीतीश ने कहा कि जब 2001 में आरजेडी और कांग्रेस की सरकार बिहार में थी और प्रदेश में पहली बार पंचायत चुनाव हुए तो आखिर क्यों विभिन्न दलों ने चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की।

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