संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के नाम रहा चर्चा के नाम पर कुछ नहीं हुआ.उसी बीच एक  सांसद ने संसद सत्र ठप रहने से नाखुश होने पर अपनी तनख्वा लौटा दी है.

नौ करोड़ में चलता है संसद का एक दिन

  • विपक्ष और केंद्र के नेताओं ने संसद ठप रहने पर चिंता जताई थी.
  • राष्ट्रपतिं प्रणब मुखर्जी वरिष्ट नेता लाल कृष्ण अडवानी ने इस पर बेहद आपत्ति जताई थी.
  • संसद की कार्यवाही पर जनता का करोड़ों का पैसा बर्बाद हो गया.
  • एक मिनट की कार्यवाही पर ढाई लाख का खर्च आता है.
  • एक घंटे में डेढ़ करोड़ और एक दिन में नौ करोड़ का खर्चा आता है.

 जय पांडा ने अपनी सैलरी लौटने का फैसला किया

  • बीजू जनता जल के सांसद है जय पांडा.उन्होंने संसद सत्र न चलने पर बेहद दुःख जताया है.
  • उन्होंने बोला बीते चार पांच साल में संसद में यही होता आ रहा है.
  • जितनी बार ऐसा हुआ है उतना हिस्सा मैं अपनी सैलरी से दे देता हूँ.

अडवाणी ने अपना दर्द बयान किया

  • नोट बंदी के कारण  संसद सत्र न चलने पर भाजपा के वरिष्ट नेता.
  • लाल कृष्ण अडवाणी संसद में जारी उहापोह को देखते हुए तृणमूल सांसद से बोला.
  • अगर अटल जी यहाँ होते तो उन्हें बहुत दुःख होता.
  • मेरा मन तो संसद से इस्तीफ़ा देने का कर रहा है.
  • राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने बोला था की भगवान् के लिए संसद में काम करें.
  • शीतकालीन सत्र तो ऐसे ही गया पर आने वाला सत्र कैसा होगा ये देखने वाला है.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें