2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन बनाने की चर्चाएँ हैं जिसका नेतृत्व बसपा कर सकती है। इस बार के लोकसभा चुनावों में बसपा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होने वाली है। बसपा इस बार उत्तर प्रदेश से बाहर निकल कर अन्य राज्यों में भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बसपा ने अपने संगठन को फैलाना शुरू कर दिया है।

पश्चिम बंगाल में लड़ेगी बसपा :

आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। पार्टी ने इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सांसद और जम्मू कश्मीर, हिमाचल और पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक राजाराम साहब ने मीडिया से बात करते हुए कह कि देश की जनता बहुजन समाज पार्टी को सत्ता में देखना चाहती है। बसपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के महासचिव बाबू नंदन प्रसाद, हुगली जिलाध्यक्ष मनोज हल्दर, राज्य कोषाध्यक्ष कुमुद विश्वास, सोमनाथ भारती, युवा बसपा नेता सर्वेश सिंह एवं प्रकाश सिंह सहित पांच सौ से अधिक बसपा कार्यकर्ता मौजूद थे।

बंगाल में हो रही हिंसा की राजनीति :

बसपा कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मकसद बंगाल के हर कोने कोने तक बहुजन समाज पार्टी का विस्तार करना है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता 34 वर्षों के माकपा शासनकाल में हुए अत्याचार से तंग आकर बड़ी उम्मीदों के साथ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी के हाथों बंगाल की बागडोर सौंपी थी ताकि बंगाल में तेजी से बंद  हुए कल-कारखाने खुल सकें लेकिन बंगाल में हिंसा की  गंदी राजनीति हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।

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