केंद्र की मोदी सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया जिसके तहत NEET पर एक साल की रोक लगा दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में एक मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट NEET करवाने का आदेश दिया था जिसका कई राज्यों ने विरोध किया।

कॉमन मेडिकल टेस्ट पर एक साल के लिए रोक लगाने को अध्यादेश मंजूरी देने के बाद अब राज्यों के बोर्ड एक साल तक अपनी परीक्षाएं करवा सकते हैं।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र से NEET की परीक्षा कराने की मांग की है जबकि आज ही इसको एक साल तक रोकने के लिए अध्यादेश पास हुआ है।

एक वकील अमित कुमार ने भी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाई है और सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को इस सन्दर्भ में याचिका दायर करेंगे।

बता दें कि कई राज्य NEET पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खिलाफत कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि MBBS और BDS के 2016-17 सत्र से लिए NEET की परीक्षा आयोजित की जाये। 

गत 1 मई को NEET के पहले चरण की परीक्षा हुई थी और दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई को होनी है। इस सन्दर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की उस अपील को ख़ारिज कर दिया था जिसमें अलग-अलग परीक्षा कराये जाने की बात राज्य सरकारों द्वारा की गई थी।

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