Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

फर्जी इमाम पर 25 सालों से नाबालिग बच्चों का यौन शोषण करने का आरोप

children-sexually-abused

केंद्र सरकार जहाँ नाबालिगों से रेप मामलों में कड़े कानून बना कर ऐसी निर्मम घटनाओं पर नियन्त्रण करने की कोशिश में लगी है. वही कुछ ऐसे भी मामले है जिनमें नाबालिग बच्चों के साथ लगातार दुष्कर्म करने वाले आरोपी के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई तक नहीं हो सकी है. मामला कश्मीर का है, जहाँ धर्म या अपने सामजिक स्थिति के आधार पर एक व्यक्ति मासूम बच्चों का फायदा करीब 2 दशको से उठा रहा है. कम से कम उसके खिलाफ लगे आरोप तो यही स्पष्ट करते हैं.

बच्चों को पढाने के नाम पर करता था दुष्कर्म:

मामला उत्तर कश्मीर के सोपोर क्षेत्र के मोंडिज गांव के अली मोहम्मद शेख के बेटे इजाज अहमद शेख का है. इजाज को लोग पीर और मौलवी नाम से भी जानते है. ख़बरों की माने तो अजीज अपने हाकिम के इसी साख के पीछे छिप कर बच्चों के साथ दुष्कर्म करने की घटना को अंजाम देता है.

शेख पर आरोप है कि पिछले ढ़ाई दशको से उसने 10 साल से कम उम्र के हजारों बच्चों का यौन उत्पीड़न किया है. पर सवाल यह उठता हैं कि इतने लम्बे समय से ऐसे आपराधिक कृत्य के बाद भी इजाज सज़ा से अब तक दूर क्यों था. इसके पीछे के कई कारण हो सकते है.

इजाज एक आम कश्मीरी नहीं, इमाम/ मौलवी भी है. हमारे धर्म प्रधान देश में हम पीर, मौलवियों को सम्मान से देखते है. उनका रुतबा किसी महान पुरुष से कम का नही होता. और अगर कोई इसी रुतबे का फ़ायदा उठा कर गलत काम करता है तो किसी के लिए भी यह विश्वास कर पाना मुश्किल होना लाजमी है.

इजाज ने इसी आस्था की नब्ज को पकड़ कर मासूम बच्चों को अपने हकस का शिकार बनाया. अगर हम उसके इतिहास पर नजर डाले तो इजाज का आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने पर विश्वास किया जा सकता है.

मदरसे के दरवाजे इजाज के लिए बंद: 

इजाज शेख ने पश्चिम भारत में किसी मदरसे से पढाई शुरू की. मदरसे में कुछ साल बिताने के बाद इजाज को वहां से पीटकर बाहर निकाल दिया गया, कारण क्या था यह स्पष्ट नही है. मदरसे से इस तरह पीट कर निकाले जाने के पीछे का कारण भले ही ना पता हो पर इस्ससे यह स्पष्ट है कि इजाज ने कोई बड़ी गलती ही की होगी, जिसकी वजह से मदरसे के दरवाजे उसके लिए बंद हो गये.

मस्जिद से इजाज को निकाला:

कश्मीर लौटने के बाद शेख ने हैंडवाड़ा शहर के एक गांव में कुरान के अपने ज्ञान से वहां के कुछ लोगों को प्रभावित कर इमाम बन गया। बता दें कि कश्मीर में इमाम केवल मस्जिद में नमाज अदा नही करते बल्कि खाली समय में बच्चों को कुरान भी पढ़ाते है. यह इजाज के लिए एक अच्छा मौका था अपनी गन्दी इक्षाओं को पूरा करने के लिए. पर मदरसे के बाद इजाज को मस्जिद से भी निकाल दिया गया. इसके पीछे का क्या कारण हो सकता है कि एक इमाम को, मस्जिद से निकाल दिया जाये और लोगों को इसका कारण भी ना पता चले.

क्या इमाम ने अल्लाह की इबादत में कोई कमी छोड़ी थी या अन्य ने उसकी गुनाह को पकड़ लिया था. ? बहरहाल जो भी था इजाज के खिलाफ तब ही कोई शिकायत दर्ज नही हुई. शायद उसके पेशे ने उसे बचा लिया था.

शिक्षक इजाज को स्कूल से निकाला:

चूंकि अब शेख के लिए मदरसा और मस्जिद दोनों के दरवाजे बंद कर दिए गए थे, इसलिए उसने सोपोर के पास एक और गांव में एक स्कूल में पढ़ाना शुरू किया. मदरसे में बच्चों के बीच पढ़ा बढ़ा इजाज, मस्जिद में बच्चों को पढ़ा कर निकाले जाने के बाद स्कूल एक सबसे बेहतर जगह थी, उसकी छवि बनाये रखने और अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए. पर जल्द उसे वहां से भी निकाल दिया गया.

कारण.. ? फिर से अज्ञात. एक साफ़ छवि वाले इमाम, शिक्षक को हर जगह से निकाले जाने के पीछे उसकी गलत आकांक्षाओं का उजागर होना था.

बाद में इजाज जिन्न रखने वाला हाकिम बन गया. वो लोगों का इलाज करता पर उसने यह बात फैला दी कि जिन्न से सिर्फ 14 साल से कम उम्र के बच्चे ही बात कर सकते है, खुद वो भी नही.. अन्धविश्वास कहे या लोगों की पवित्र आस्था, जिसका इजाज बार बार फ़ायदा उठाता रहा. लोग अपने बच्चों को इमाम के पास छोड़ दिया करते, और इमाम उनके साथ दुष्कर्म करता.

लोग अपने बच्चों को इजाज के घर पर छोड़ जाते और वह अपनी बढ़ती गंदी और हिंसक कल्पनाओं को पूरा किया करता। यह कुकृत्य जारी रहता अगर कुछ हिम्मती बच्चों ने उसका पर्दा ना फाश किया होता.

2016 में गिरफ्तार हुआ आरोपी:

लगातार हो रही यह बलात्कार की घटना मार्च 2016 में कुछ दिनों के लिए रुक गयी जब शिकायत के बाद कश्मीर पुलिस ने इजाज को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि 1 महीने बाद उसे जमानत मिल गयी थी।

बोमाई पुलिस स्टेशन में एक बच्चे के पिता द्वारा की गई शिकायत के बाद 2 मार्च 2016 को पुलिस ने एजाज को गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला अप्राकृतिक यौन अपराध से निपटने वाले आरपीसी 377 के तहत पंजीकृत था।

5 बार से सुनवाई हो रही ख़ारिज:

शायद उसके इस जघन्य अपराध का पता कभी ना चलता अगर कुछ मासूमों में हिम्मत ना जगी होती, लोगों के लिए विश्वास कर पाना मुश्किल है कि इमाम/ पीर की चादर ओढ़ कर कोई मासूम बच्चों को इस तरह अपना शिकार बना सकता है. इजाज ने लोगों कि इसी आस्था का फायदा उठाया और उनके बच्चों के साथ दुष्कर्म किया.

बहरहाल इस समय सोपोर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में यह मामला लंबित है। शेख के खिलाफ पहले ही दो गवाहों ने गवाही दे दी है. लेकिन पिछले 5 बार से सुनवाई नही हो रही है. सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देते हुए जल्द से जल्द पीड़ितों को न्याय दिलवाने के निर्देश दिए है.

Related posts

बारामूला सेक्टर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी,1 आतंकी ढेर

Prashasti Pathak
8 years ago

पीएम मोदी ने किया शिक्षकों को सलाम

Namita
7 years ago

गुजरात: पीएम मोदी का एक महीने के भीतर चौथा दौरा

Kamal Tiwari
7 years ago
Exit mobile version