अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के बारे में कहा है कि चीन ने भारतीय सीमा पर अपनी रक्षा क्षमताओं में इजाफा किया है और ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं, जो की भारत के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है।

उप रक्षामंत्री अब्राहम एम. डेनमार्क ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारतीय सीमा के नजदीक चीन अपनी सैन्य शक्ति में इजाफा कर रहा है, हालांकि इसका कोई स्पष्ट कारण अभी समझ नहीं आ रहा है।

डेनमार्क ने तिब्बत में सैन्य कमान का स्तर सुधारने के चीन के कदम पर कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें से आतंरिक और बाहरी स्थिरता कायम रखने की मंशा कितनी है इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

डेनमार्क ने अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर की हाल की भारत यात्रा को बहुत सकारात्मक बताते हुए कहा कि हम भारत के साथ अपना द्विपक्षीय रिश्ता प्रगाढ़ करना जारी रखेंगे। भारत एक अहम देश है और उसके महत्व को समझते हुए हम भारत से बातचीत जारी रखेंगे। 

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान का चीन के साथ लंबे समय से दोस्ताना संबंध रहा है। चीन के फैलते अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक हित के चलते चीनी निवेश और संचार की अहम समुद्री लाइन की सुरक्षा के लिए जनमुक्ति सेना की नौसेना पर दूर-दराज के समुद्रों में संचालन की मांग बढ़ने लगी है।

डेनमार्क ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ आधुनिक हो रही है और वैश्विक विस्तार की और तेज़ी से बढ़ते चीन की मंशा अब नए संचालन केंद्र तलाशने की है। ऐसे में इनके नए हित भी हों सकते हैं।

पेंटागन की तरफ से जारी बयान में भी कहा गया है कि चीन के अंतर्राष्ट्रीय हित विकसित हो रहे हैं और उसका सेना को आधुनिक बनाने का कार्यक्रम अपने क्षेत्र से बाहर अलग-अलग मिशन के समर्थन के लिए निवेशों और बुनियादी ढांचा पर ज्यादा केन्द्रित हो गया है।

बता दें कि चीन अपनी सैन्य शक्ति और उसके आधुनिकीकरण पर तेजी से काम रहा है और उसका दखल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी देखा जा सकता है।

 

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