भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद अब अरुणाचल प्रदेश के सीमा क्षेत्र पर अधिकार को लेकर तनाव पैदा हो गया है. सामरिक नजरिए से बेहद अहम अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही चीन ने इस क्षेत्र में एक बार फिर से अपना दावा ठोका है. उसने इस क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया है. चीन का दावा है कि असफिला क्षेत्र उसका हिस्सा है. हालांकि भारतीय सेना ने चीनी सेना के इन आरोपों और आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया है.

अरुणाचल के असफिला क्षेत्र को चीन मानता है अपना :

भारत और चीन सीमा पर हमेशा ही ठनाठनी बनी रहती है. चीनी सैनिक हमेशा ही चीन से सटे भारतीय सीमा पर अपना अधिकार जमाते रहते है. अब चीन ने रुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पर आपत्ति जताई है. चीन ने इसी मुद्दे को 15 मार्च को बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के दौरान उठाया, जिसे भारतीय सेना ने फौरन सिरे से खारिज कर दिया. यह बैठक किबिथू इलाके में चीन की तरफ दईमाई चौकी पर हुई.

भारतीय सेना ने असफिला क्षेत्र में चीन के दावों को भी खारिज किया है. भारत ने कहा कि असफिला अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी क्षेत्र का हिस्सा है और भारतीय सेना इस इलाके में लगातार पेट्रोलिंग करती आ रही है. वहीं चीन ने असफिला इलाके में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को अतिक्रमण करार दिया, जिस पर भारतीय सेना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई.

भारतीय सेना पर चीनी उपकरण क्षतिग्रस्त करने का मढ़ा आरोप

बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग में चीन ने भारत पर पिछले साल दिसंबर में तूतिंग में सड़क निर्माण के उसके उपकरण को भी क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया. आरोप है कि यह घटना तब हुई, जब चीन के सड़क निर्माण से जुड़ा दल भारत के विरोध के बाद अपना उपकरण वहां छोड़कर चला गया था. हालाँकि भारतीय सेना ने आरोपों से इंकार किया.

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