भारत और चीन के बीच गतिरोध पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान का चीन तिलमिला गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। चीन ने भारतीय रक्षा मंत्री के उन टिप्पणियों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। चीन ने कहा है कि ये 1962 वाला चीन नहीं है। बता दें कि अरुण जेटली ने भारत-चीन गतिरोध पर अपने एक बयान में कहा था कि ये 1962 वाला भारत नहीं है।

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डोक ला से अपनी सेना हटाए भारत :

  • चीन ने बयान देते हुए ये भी कहा है कि भारत-भूटान सीमा के पास डोक ला से अपनी सेना हटाए।
  • शुआंग ने कहा कि सिक्किम सेक्टर पर भारत और चीन की सीमाएं पूरी तरह स्पष्ट हैं।
  • आगे कहा कि वहां भारतीय सेना की कार्रवाई भारत की अभी तक की सरकारों के रुख़ के साथ धोखा है।

चीन ने कहा भारत 1890 संधि का सम्मान करे :

  • जेंग शुआंग ने कहा कि सिक्किम सेक्टर में दोनों देशों के बीच सीमा 1890 की चीन-ब्रिटिश संधि के तहत भलीभांति निर्धारित है।
  • शुआंग ने कहा मैं चाहूंगा कि भारतीय पक्ष 1890 की संधि का तत्काल पालन करे और सैनिकों को वापस बुलाए जो चीनी क्षेत्र में घुस आए हैं।
  • उन्होंने कहा चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

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सुस्पष्ट रूप से सीमांकित है सिक्किम में भारत-चीन सीमा :

  • शुआंग ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1959 में चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री चाउ एनलाई को लिखे पत्र में सिक्किम पर 1890 की चीन-ब्रिटिश संधि को स्वीकार किया, बाद की सरकारों ने भी इसका अनुमोदन किया है।
  • उन्होंने कहा कि भारत को संधि का सम्मान करते हुए तुरंत सेना को डोकलाम से हटाना चाहिए।
  • आगे कहा कि सिक्किम में भारत-चीन सीमा सुस्पष्ट रूप से सीमांकित है।
  • कहा कि भारत द्वारा उठाया गया कदम भारतीय सरकारों द्वारा अपनाए गए रूखों का उल्लंघन है।

जेटली ने दिया था ये बयान :

  • अरुण जेटली ने दोनों देशों के बीच 55 साल पहले हुए युद्ध का संदर्भ देते हुए भारत से ‘ऐतिहासिक पाठ’ से सीखने को कहा था।
  • रक्षा मंत्री जेटली ने कहा था यदि वे हमें याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, तो 1962 की स्थिति अलग थी और 2017 का भारत अलग है।

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