उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में चले आ रहे सियासी घमासान में कल अहम फैसला सुनाते हुए, प्रदेश से  राष्ट्रपति शासन हटाने और 18 मार्च से पहले की यथा स्थिति को बरकार रखने के आदेश के बाद हरीश रावत की सरकार एक्शन में नजर आयी। करीब एक महीने से चले आ रहे राष्ट्रपति शासन को बहाल करने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट की बैठक बुलायी। इस बैठक में कैबिनेट ने ताबड़तोड़ 11 फैसले करें, और बैठक के बाद हरीश रावत ने बताया कि इन फैसलों को तेजी से लागू करने के प्रयास किये जाएंगे। सरकार ने राज्य में जल संकट को लेकर मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है, जिससे लोगों को तुरंत राहत मिल सके।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य से राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया है और अब केन्द्र सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारियां कर रही है। हरीश रावत ने कहा कि केंद्र को हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है,  लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं मिल पायेगी। हरीश रावत ने आगे कहा कि वे अदालत में अपील जरूर करें लेकिन राज्य में सरकार को काम करने दें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जल संकट से निपटने और चार धाम यात्रा के लिए समुचित प्रबंध करने का प्रयास कर रही है।

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