देश आज 17वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है। देश के विभिन्न इलाकों में इस दौरान खास आयोजन किये गए हैं।

गौरतलब है कि 1999 में भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था। प्रत्येक वर्ष वीर सैनिकों की कुर्बानी और हमारी जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘ऑपरेशन विजय‘ नाम के इस मिशन में 530 भारतीय वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए थे और भारत के सम्मान को बरकरार रखा।

भारतीय थलसेना और वायुसेना ने ‘लाइन ऑफ कंट्रोल‘ पार न करने के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट करके भारतीय सैनिकों को नमन किया।

उन्होंने कहा कि भारत अपने सैनिकों की निर्भीकता और साहस को नहीं भूल सकता जिन्होंने घुसपैठियों को हर कदम पर मुंहतोड़ जवाब दिया।

  • सैनिकों के पराक्रम को सलाम करने के लिए मंगलवार को इंडिया गेट और जंतर-मंतर के अलावा देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जहाँ शहीद हुए सैनिकों को याद किया जायेगा।
  • देश की रक्षा में शहीद होने वाले सैनिकों की याद में जंतर-मंतर पर शहीद स्मृति यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
  • सिटीजन फॉर फोर्स संगठन द्वारा जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च का आयोजन होना है. इसमें पूर्व सैनिकों के साथ ही आम नागरिक भी भाग लेंगे।

इस महत्वपूर्ण मौके पर देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, थलसेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख अरुप राहा ने इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

द्रास में बड़ी संख्या में लोगों ने कैंडल जलाकर जवानों की कुर्बानी को याद किया गया। इस दौरान थलसेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग जवानों के परिजनों से भी मिले।

द्रास के वॉर मेमोरियल में कारगिल के वीर नायकों के परिजनों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की और कारगिल विजय दिवस पर उन्हें याद किया।

Tweet: ANI

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