कर्नाटक में सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल द्वारा किये गए निर्णय पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला लेगी. बीएस येदुयुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है और विपक्ष और कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुयुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ जेडीएस और कांग्रेस की ओर से दाखिल की गयी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला कर सकती है. जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. 

येदियुरप्पा के शपथग्रहण के बाद बीजेपी अब बहुमत साबित करने की तैयारी में है. ऐसे में विधायकों की जोड़-तोड़ की काफ़ी संभावना है. विधायकों को इस टूट से बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस अपने सभी विधायकों को हैदराबाद ले गई है.

राज्यपाल को लिखी थी चिट्टी:

बीजेपी की तरफ से कर्नाटक की सरकार का गठन करने के लिए बहुमत से जुड़ा पत्र लिखा गया था. तीन जजों की पीठ ने बीएस येदुयुरप्पा की तरफ से राज्यपाल को बहुमत वाली चिट्टी लिखी थी. बता दें आज की सुनवाई में  चिट्टी को भी मंगवाया गया है . इस बहुमत की चिट्टी के आधार पर भी सुप्रीम कोर्ट में सरकार गठन से जुड़ी बहस की जाएगी.

इससे पहले भी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार गठन के लिए सुनवाई की थी जिसमे बीएस येदुयुरप्पा ने उन सभी रोकों का विरोध किया था जो उन पर लगायी जा रहीं थी. मालूम हो कांग्रेस और जेडीएस लगातार बीजेपी का विरोध कर रहे हैं. देर रात दो बजकर 11 मिनट से गुरुवार सुबह पांच बजकर 28 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उस के समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी.

कांग्रेस और जेडीएस के कुछ कार्यकर्ता नाराज़:

सूत्रों से पता चल रहा है कि बीएस येदुयुरप्पा ने राज्यपाल को जो बहुमत वाली चिट्टी सौपी थी वो सुप्रीम कोर्ट में दे दी गयी है और सुप्रीम कोर्ट में सरकार गठन से जुड़ी सुनवाई पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है. देखनें वाली बात यह होगी कि इस चिट्टी में किस किस का नाम है जो बीजेपी के पक्ष में हैं. खबर यह भी है कि कांग्रेस और जेडीएस के कुछ मेम्बेर्स नाराज़ भी है लेकिन इस से यह साफ़ नहीं होता कि वह बीजेपी के पक्ष में आ सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही शुरू:

सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि चुनाव से पहले गठबंधन नहीं था, राज्यपाल ने सबसे बड़े दल को न्यौता दे कर बुलाया था. कांग्रेस, जीडीएस के MLA का समर्थन भी मिलेगा. मुकुल रोहतगी का ऐसा दावा है कि बीएस येदुयुरप्पा सदन में बहुमत साबित कर पाने में सफल होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राज्यपाल को अपने विवेकानुसार फैसला लेना होता है कि कौन सा दल सरकार का गठन करेगी. राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसले पर विस्तृत सुनवाई करें क्युकीं यह पूरी तरह से राज्यपाल का फैसला होता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यूँ न कल ही शक्ति परीक्षण करा दिया जाये या बहुमत परीक्षण करा दिया जाये. कोर्ट की तरफ ऐसी टिप्पड़ी करी गयी है. बहुमत परीक्षण की वीडियोग्राफी की जाएगी और सभी विधायकों को सुरक्षा भी दी जाएगी.

कांग्रेस की तरफ से वकील मनु सिंघवी ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख दिया है. खबर के मुताबिक सिंघवी ने अपनी दलील शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि

-हमें मौका मिलना ही चाहिए

-येदुयुरप्पा के पास संख्या नहीं है.

-फ्लोर टेस्ट के लिए कल भी तैयार.

-कोर्ट तय करे कि किसको मौका मिलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने  बीजेपी के एक एंग्लो-इंडियन MLA की सदस्यता पर भी रोक लगा दी जिससे येदियुरप्पा सरकार को बड़ा झटका लगा है. वहीँ मुकुल रोहतगी जोकि बीजेपी के वकील है इन्होने कोर्ट से वक़्त माँगा है. उन्होंने कहा कि हम कल बहुमत परीक्षण के लिए तैयार नहीं हैं. हम सोमवार को बहुमत परीक्षण करने के लिए तैयार हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने किया फैसला: 

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि कल शनिवार के दिन शाम 4 बजे कर्नाटक में बहुमत परीक्षण किया जायेगा. अगले 28 घंटे में होगा बहुमत परीक्षण जिसमे कांग्रेस जेडीएस और बीजेपी को सत्ता पाने के लिए अपना बहुमत साबित करना होगा. कल होने वाला बहुमत परीक्षण देखने लायक होगा, कर्नाटक में आंधी सी आई हुई है वहीँ जहाँ कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है लेकिन बीजेपी बहुमत परीक्षण के लिए और वक़्त चाह रही थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है.

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