दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो के राजीनीति पर लिखे खत पर विवाद खड़ा हो गया हैं. भाजपा ने आर्कबिशप के पत्र पर आपति जताई है.

आर्कबिशप का पादरियों से 2019 चुनाव के लिए दुआ करने की आपिल: 

रोमन कैथोलिक के दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने सभी पादरियों को एक खत लिखा है. आठ मई को लिखे गए इस खत में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक हालात को अशांत करार देते हुए अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दुआ करने की अपील की है।

पत्र में उन्होंने लिखा है कि हमलोग अशांत राजनीतिक माहौल के गवाह हैं। इस समय देश का जो राजनीतिक माहौल है, उसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए खतरा पैदा कर दिया है।

राजनेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है। माना जा रहा है कि परोक्ष रूप से उन्होंने वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार नहीं बने, इसके लिए लोगों से दुआ करने की अपील की है। इस पत्र पर भाजपा ने आपत्ति जताई है।

आर्कबिशप के खत पर BJP की आपत्ति:

बीजेपी ने भी इस खत लेकर अपनी आपत्ति जताई है. बीजेपी की शायना एनसी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि जातियों या समुदायों को भड़काने की कोशिश करना गलत है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के सभी धर्म और जाति के लिए काम कर रहे हैं। खत को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि वे प्रगतिशील मानसिकता के तहत सोचें।

इसी कड़ी में गिरिराज सिंह ने कहा, “हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। मैं ऐसा कदम नहीं उठाऊंगा जो सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करे। लेकिन यदि चर्च लोगों से प्रार्थना करने के लिए कहता है ताकि मोदी सरकार का गठन न हो, तो देश को यह सोचना होगा कि अन्य धर्मों के लोग ‘कीर्तन पूजा’ करेंगे.”

वहीँ आर्कबिशप के खत पर  प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के राकेश सिन्हा ने कहा, ‘यह भारतीय धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्च द्वारा प्रत्यक्ष हमला है।’

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