ताजमहल, भव्य मंदिर हो वाराणसी के घाट जहाँ हर इंसान आकर सुकून ढूँढता है ।भारत के ऐसी ही स्थानों ने हमेशा से ही विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। लेकिन नोटबंदी के बाद से विदेशी पर्यटक का रुझान भारत से हट कर थाईलैंड , दुबई और श्रीलंका की तरफ बढ़ गया है। गौरतलब है की जहाँ हर साल दिसंबर के महीने में विदेशी पर्यटकों का हुजूम भारत में उमढ पड़ता था वहीँ इस साल नोट बंदी के चलते इक्का दुक्का ही पर्यटक भारत में देखने को मिल रहे हैं ।
नोटेबंदी से लगा टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों को बड़ा झटका
- भारत ने हमेशा से ही विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है।
- लेकिन टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसीयों की माने तो इस साल बहुत ही कम पर्यटकों ने भारत की तरफ अपना रुख किया है।
- नोट बंदी के बाद से ट्रैवेल एजेंसियों का बिजनेस 30 से 40 फीसदी कम हो गया है।
- बता दें कि जर्मनी, ऑस्टेलिया, कनाडा जैसे कई और देशों से आने वाले पर्यटकों के समूह ने भारत आने का फैसला रद्द कर दिया है।
- इन सैलानियों ने भारत में एकाएक हुई नोटबंदी के बाद भारत का अपना ट्रिप कैंसिल करने का फैसला लिया है।
- बड़ी तादाद में ट्रिप कैंसिल होने से टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों को बहुत बड़ा झटका लगा है।
- टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार जो सैलानी भारत आना भी चाह रहे हैं।
- वो इन एजेंसियों के सामने कैश का इंतजाम करने की शर्त रख रहे हैं।
- लेकिन इन शर्तों को पूरा कर पाना इन टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों के लिए बहुत मुश्किल है।
- बता दें जहाँ इस सीज़न में हर साल हॉलीडे पैकेज वाले कस्टमर की भरमार हुआ करती थी।
- वहीँ इस साल इन एजेंसियों के पास कस्टमरके फ़ोन तक नही आ रहे हैं।
- इन पर्यटकों के भारत ना आने से सिर्फ टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों पर ही नही बल्कि ट्रांसपोर्ट बिसनेस पर भी बहुत असर पड़ा है।
- यहाँ कैब ,कार और बसों पर भी नोट बंदी का बहुत ज्यादा असर देखने को मिला है।
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....