हाल ही में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी की बीते दिन संसद परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर अब कांग्रेस के भीतर सवाल उठ रहे हैं जिसके बाद पार्टी ने कोई भी जिम्‍मेदारी लेने से मना कर दिया है. जिसके बाद इस मुलाकात के बाद बड़ी मुश्किल से शीतकालीन सत्र में एकजुट हुए विपक्ष की एकता में दरार पड़ने का खतरा पैदा हो गया.

कांग्रेस के भीतर है नाराजगी का दौर :

  • शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राहुल गांधी ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की
  • यह मुलाक़ात उस वक्‍त हुई जब कुछ क्षण बाद कांग्रेस के नेतृत्‍व में विपक्षी दल राष्‍ट्रपति से मिलने वाले थे.
  • वे राष्‍ट्रपति को यह बताना चाहते थे कि प्रधानमंत्री की नोटबंदी की अचानक घोषणा का क्या परिणाम हुआ है
  • यही नहीं इसके बाद आम लोगों को कैसी दुश्‍वारियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • कांग्रेस के इस कदम से खफा विपक्षी दलों ने घोषणा की थी कि वह उस मार्च में शामिल नहीं होंगे.
  • माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से दो सप्‍ताह पहले पीएम से मुलाकात के लिए अप्‍वाइंटमेंट मांगा गया था.
  • दरअसल कांग्रेस किसानों से मिली मांगों की सूची उनको सौंपना चाहती थी.
  • दूसरी तरफ विपक्षी एकजुटता के सामने सरकार ने ऐन मौके पर मुलाकात का समय देकर उस एकता को तोड़ दिया.
  • दरअसल इस मसले पर कांग्रेस के भीतर नाराजगी और आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है.
  • साथ ही राहुल गांधी के नेतृत्‍व वाली युवा टीम और सोनिया के विश्‍वस्‍त पुराने दिग्‍गजों के बीच कलह फिर शुरू हो गयी है.
  • हालाँकि कांग्रेसी नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है.
  • उनके अनुसार उन्‍होंने पीएम मोदी से इस मुलाकात के लिए समय मांगा था.
  • परंतु एक बार मुलाकात का समय तय होने के बाद राहुल गांधी के लिए उसको नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं था.
  • दरअसल राहुल ने यूपी के किसानों से मुलाकात कर कहा था कि वह निजी तौर पर उनकी मांगों को पीएम मोदी तक पहुंचाएंगे.
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