राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है। केंद्र सरकार और विपक्ष ने अपनी-अपनी ओर से उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। राज्यसभा में आज उपसभापति पद के लिए चुनाव होंगे जिसमें मोदी सरकार यानी एनडीए की ओर से जनता दल यूनाइटेड के सांसद हरिवंश उम्मीदवार हैं तो विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार के तौर पर बीके हरिप्रसाद हैं। ऐसे में मुकाबला हरि बनाम हरि होने जा रहा है। इस चुनाव में कांग्रेस के बाद सभी की नजर समाजवादी पार्टी पर होगी जिसके राज्य सभा में 13 सांसद हैं।

जीतने के लिये 123 वोटों की है जरूरत :

उच्च सदन में वर्तमान में सदस्यों की मौजूदा संख्या 244 है जिसमें जीत के लिए 123 वोटों की जरूरत है। NDA प्रत्याशी हरिवंश को इनमें से 126 सदस्यों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। UPA के हरिप्रसाद को 111 सदस्यों का समर्थन मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि हरिवंश को राजद के 91 सदस्यों के अलावा 3 नामित सदस्य और निर्दलीय अमर सिंह का वोट मिलना तय है। इसके अलावा उन्हें गैर राजग दलों में अन्नाद्रमुक के 13, TRS के 6, YSR कांग्रेस के दो और इनेलो के 1 सदस्य का समर्थन मिलने का भरोसा है। इन्हें मिलाकर हरिवंश के पक्ष में पड़ने वाले मतों की संख्या 117 तक पहुंचती है। इसके अलावा बीजद के नौ सदस्यों के मत को भी राजग अपने खाते में जोड़ कर चल रहा है। इसके आधार पर यह संख्या 126 तक पहुंचती है।

सपा करेगी UPA प्रत्याशी का समर्थन :

समाजवादी पार्टी भी राज्य सभा के उपसभापति के चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाली है। उत्तर प्रदेश से देश की उच्च सदन में समाजवादी पार्टी के कुल 13 सांसद हैं जो बाजी पलटने का दम रखते हैं। इस चुनाव में सभी की नजर सपा के रुख पर टिकी हुई है। समाजवादी पार्टी विपक्ष में है जिसके कारण उसका कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देना तय है।

कुछ ही देर में राज्य सभा में वोटिंग शुरू होने वाली है जहाँ पर सभी सांसद अपना मत देंगे। इस चुनाव में सपा के तमाम राज्य सभा सांसद वोट देंगे लेकिन पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव वोट नहीं देंगे क्योंकि वे किसी सदन के सदस्य नहीं है। कांग्रेस उम्मीवार पर समाजवादी पार्टी भी खुश नहीं है। सपा महासचिव रामगोपाल यादव का कहना है कि कांग्रेस ने पहले सहयोगी दल के नेता को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी लेकिन अंतिम समय पर अपनी पार्टी के सांसद को उम्मीदवार बना दिया।

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