नई दिल्ली। देश को कैशलेस इकॉनामी बनाने का  पीएम मोदी का सपना काफी हद तक पूरा होता नजर आ रहा है। बता दें कि दो साल पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था जिसके बाद से देश में डिजिटल ट्रान्जैक्शन में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। बता दें कि इस साल अगस्त में देश में 244.81 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुआ। हैरानी की बात ये है कि यह आंकड़ा 2016 से अब तक हुए डिजिटल लेनदेन में तीन गुना से अधिक का आंकड़ा दर्ज किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल लेनदेन को लेकर शुक्रवार को आंकड़े पेश किए।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि नए भुगतान माध्यम भीम यूपीआई, आधार आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह ने व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति से कंपनी के बीच भुगतान को बढ़ावा देकर डिजिटल भुगतान के तंत्र को पूरी तरह बदल दिया है।

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अगर आंकड़ों को डिकोड किया जाए तो साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अक्टूबर 2016 में 79.67 करोड़ डिजिटल लेनदेन हुए थे। अगस्त 2018 में यह आंकड़ा 207 प्रतिशत बढकर 244.81 करोड़ तक पहुंच गया। इस तरह से नोटबंदी के बाद से अब तक डिजिटल ट्रान्जैक्शन में लगभग तीन गुना इजाफा हुआ है। अगर रुपए के संदर्भ में इस डिजिटल लेन-देन को देखा जाए तो अक्टूबर 2016 में 108,7 लाख करोड रुपए के डिजिटल लेनदेन हुए थे। जबकि अगस्त की अगर बात की जाए तो 2018 में ये आंकड़ा 88 प्रतिशत बढ़कर 204.86 लाख करोड़ रुपए हो गया। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पिछले दो साल में भारत में डिजिटल भुगतान लेनदेन में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

आपको बताते चलें कि 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस कदम के बाद ऑनलाइन लेन-देन को जबरदस्त बढ़ावा मिला था।

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