दीपावली पर सभी लोग अपने घर में मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां कर रहें हैं। इसके साथ ही सही मुहूर्त पर पूजा पाठ कर आप इस खास मौके का सही लाभ उठा सकते हैं। इस साल विक्रम संवत् 2073 में कार्तिक कृष्ण अमावस्या रविवार 30 अक्टूबर को सूरज उगने से पहले ही शुरू होकर रात 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। स्वाती नक्षत्र भी सुबह 09 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर पूरी रात भर रहेगा और अगले दिन दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर खत्म होगी।

  • दीपावली में लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 5.45 से रात्रि 8.30 बजे तक गोधूलि बेला और वृष लग्न से युक्त है।
  • वृष लग्न शाम 6.31 बजे से 8.27 बजे तक है। यह शुभ मुहूर्त है।
  • इस अवधि में की गई लक्ष्मी पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होगा।
  • गोधूलि बेला वृष लग्न और सिंह लग्न में कुबेर और इंद्र का पूजन भी श्रेष्ठ है।
  • दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोपहर 02 बजकर 02 मिनट तक मकर लग्न अभिजित मुहूर्त रहेगा।
  • दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक कुम्भ लग्न रहेगा।
  • जिसके बाद से शाम 04 बजकर 54 मिनट तक मीन लग्न रहेगी।
  • जो अपने स्वामी बृहस्पति से दृष्ट होने के कारण अनेक दोषों को निवारण करने की क्षमता रखती है।
  • शाम 04 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 25 मिनट तक मेष और वृष लग्न रहेगा।

अन्नकूट व गोवर्धन पूजा कलः

  • दीपावली के दूसरे दिन 31 अक्टूबर को अन्नकूट व गोवर्धन पूजा का विधान है।
  • इस दिन देवालयों में तरह-तरह के पकवान बनाकर देव विग्रहों को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
  • साथ ही गोमाता को नूतन वस्त्र आदि से सुसज्जित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।

गोवर्धन के अगले दिन भैयादूजः

  • पांच दिवसीय ज्योतिपर्व दीपावली का समापन एक नवंबर को भैयादूज पूजन से होगा।
  • भैयादूज की पूजा दोपहर एक बजे व चित्रगुप्त की पूजा अपराह्न 2.30 से 4.30 बजे के मध्य होगी।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें