पश्चिम बंगाल में विसर्जन को लेकर चर रहे विवाद पर आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने फैसला दिया। कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के फैसले को रद्दकर मुहर्रम के दिन ही ठाकुर विसर्जन का फैसला दिया है। आज हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक बार फिर ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सरकार लोगों की आस्था में दखल नहीं दे सकती है।

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ममता सरकार के फैसले को कोर्ट ने किया रद्द :

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें ममता बनर्जी ने विसर्जन की तारीख बढ़ाने का फैसला किया था।
  • हाईकोर्ट ने आज फैसला दिया कि मुहर्रम के दिन ही मूर्ति विसर्जन भी होगी।
  • साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि मूर्ति विसर्जन और मुहर्रम के लिए अलग-अलग रूट हो।

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ममता के फैसले पर हाईकोर्ट दायर की गई थी याचिका :

  • दरअसल, इस साल दशहरा के अगले दिन ही मुहर्रम है।
  • दशहरा के अगले दिन दुर्गा प्रतिमा भी विसर्जित की जाती है।
  • इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विसर्जन की तारीख बढ़ाने का फैसला किया था, यानी बंगाल में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन 1 अक्टूबर की जगह 2 अक्टूबर को होगा।
  • इससे नाराज होकर 14 सितंबर को अधिवक्ता अमरजीत रायचौधरी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में PIL दाखिल की थी। उ
  • न्होंने यह तर्क दिया था कि दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है।
  • इस पूजा में अंजलि समेत सभी विधियां शुभ समय के अनुसार होती है।
  • इसी मामले में आज हाईकोर्ट ने फैसला दिया है।

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