एक से अधिक सीट से चुनाव लड़ने पर रोक का चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर समर्थन किया है. अायोग ने अपने हलफनामें में कहा कि दो जगह से चुनाव लड़ना फिर एक सीट छोड़ देना मतदाताओं के साथ अन्याय है. इससे आर्थिक बोझ पड़ता है. इतना ही नहीं अायोग ने सुझाव दिया कि सीट छोड़ने वाले से दोबारा चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए.

 केंद्र ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय:

एक उम्मीदवार को दो जगहों से चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में बीते दिन सुनवाई हुई. केंद्र ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. सुप्रीम कोर्ट जुलाई के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगा. वहीं चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 2004, 2016 में हमने इसको लेकर प्रस्ताव दिया था. चुनाव आयोग ने ये प्रस्ताव इसलिए दिया था कि दो जगहों से चुनाव लड़ने के बाद अगर उम्मीदवार दोनो सीट जीतता है तो एक सीट छोड़ना पड़ता है जिससे अतिरिक्त खर्च बढ़ता है.

आयोग ने कहा कि इसके लिए कानून में बदलाव होना चाहिए. भाजपा नेता और वकील अश्वनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल कर एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है. केन्द्र के जवाब न दाखिल करने पर मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए टल गई.

बता दें कि वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने ‘वन कैंडिडेट वन सीट’ का फॉर्म्युला लागू करने लिए याचिका दायर की थी. इस  याचिका के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33(7) को चुनौती दी गई है. साथ ही मांग की गई है कि संसद और विधानसभा समेत सभी स्तरों पर एक उम्मीदवार के दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. चुनाव आयोग भी याचिकाकर्ता की इस मांग से सहमत है. चुनाव आयोग इससे पहले भी इस फॉर्म्युला को अपना समर्थन दे चुका है.
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