मल्टीनेशनल कंपनी एस्सार ग्रुप से जुड़े फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार ने दखल दिया है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन टैपिंग मामले की जांच के आदेश दिए हैं और उन्होंने कहा है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए।

बताया जाता है कि पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी बेहद गंभीर हैं और उन्होंने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है। पीएम मोदी ने सख्ती के साथ कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि सरकारी नीतियों को बनाने में किसी भी बाहरी तत्व की दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इससे पहले VVIP फोन टैपिंग मामले को लेकर वकील सुरेन उप्पल ने पीएमओ से शि‍कायत की थी और सबूत के तौर पर 29 पन्नों के एक दस्तावेज भी पीएमओ को दिया था।

गौरतलब है‍ कि चर्चित 2जी आवंटन घोटाला मामले में एस्सार पर मुकदमा भी चल रहा है। माना जाता है कि फोन की टैपिंग से सत्ता की दलाली, कारोबार में भ्रष्टाचार, सरकार और कारोबारियों के बीच डील और ऐसे ही कई गहरे राज पर एस्सार की नजर थी जिसके बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया था।

एस्सार ग्रुप का इस पूरे विवाद पर कहना है कि सभी तथ्य और आरोपों की जांच की जानी चाहिए। एस्सार की तरफ से कहा गया है कि कॉशन नोटिस में लगाए आरोप भी बेबुनियाद और गलत हैं और इस बारे में कंपनी जवाब देने को तैयार है। उप्पल ने जो कॉशन नोटिस भेजा है, उसमें कहा गया है कि खान का ड्रग एनफोर्समेंट बैकग्राउंड था। खान 2001 से 2011 तक एस्सार के सिक्युरिटी हेड थे।

क्या है एस्सार लीक्स 
एस्सार ग्रुप पर आरोप है कि ग्रुप ने 2001 से 2006 तक एनडीए और यूपीए सरकार के कई मंत्रियों के अलावा मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी का फोन भी टैप किया। फोन टैप किए जाने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त के पीएमओ अधि‍कारी भी शामिल हैं। इसमें सुरेश प्रभु, प्रफुल्ल पटेल से लेकर प्रमोद महाजन, राम नाइक के अलावा कई टॉप ब्यूरोक्रेट्स के फ़ोन टैप किये गए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। 

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