2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पार्टी से जा चुके पुराने नेताओं की वापसी भी शुरू हो गयी है और बागी नेताओं पर कार्यवाई की सिलसिला शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बसपा से बगावत करने वाले एक नेता ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

निष्कासित नेता ने किया ऐलान :

बहुजन समाज पार्टी से हाल ही निष्कासित पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा है कि हरिद्वार में बसपा को महागठबंधन की सीट मिलती है तो वह उसके खिलाफ या तो चुनाव लड़ेंगे या अपने समर्थक को लड़ाएंगे। उन्होंने कहा कि जिसने मेरा अपमान किया है, उससे उनको बदला लेना है। वह जल्द ही एक सामाजिक संगठन बनाएंगे। यह संगठन हरिद्वार ही नहीं सहारनपुर, बिजनौर व अन्य जगहों पर भी बसपा का विरोध करेगा। शहजाद देहरादून में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। प्रेस क्लब में उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर कहा कि मायावती ने 24 जून को किया अपना वादा 14 जुलाई को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बिना उनका पक्ष सुने बगैर पार्टी से नहीं निकाला जाना चाहिए।

कद्दावर नेता पर जताया शक :

शहजाद ने कहा कि वे बसपा में इसलिए थे कि हरिद्वार में तीसरा विकल्प बनना जरूरी है और वह बसपा बन सकती है लेकिन जिनके हाथों में आज पार्टी है, वह कभी तीसरा विकल्प नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी से निकाले जाने की पटकथा नौ जुलाई को लिख दी गई थी। 14 जुलाई को उन्हें निष्कासित कर दिया गया। इसे उन्होंने सुनियोजित साजिश करार दिया और इसमें खनन कारोबारी सुभाष चौधरी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को पूरे देश में एक भी सीट नहीं मिली, वैसा ही इस बार भी होगा।

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