शाह बानो केस और बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद देश भर में सुर्खियों में रहने वाले पूर्व सांसद और राजनेता सैयद शहाबुद्दीन आज सुबह नोएडा के जेपी अस्पताल में सुबह करीब पांच बजकर 30 मिनट पर उनका निधन हो गया। 82 वर्षीय पूर्व सांसद को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें आज लोदी रोड कब्रिस्तान में जोहर नमाज के बाद दोपहर एक बजकर 30 मिनट में दफनाया जाएगा।

बिहार के मुख्यमंत्री ने जताया शोक:

  • पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन की सूचना मिलते ही बिहार के मुख्यमंत्री ने जताया शोक।
  • नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि ‘कुशल राजनेता एवं पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन जी का निधन दुखद’।
  • मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ‘यह व्यक्तिगत क्षति है, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें’।

नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखकर सुर्खियों में आये:

  • कई मुस्लिम संस्थानों से जुड़े शहाबुद्दीन 16 नवंबर 2012 को मुस्लिम वोटरों से जुड़े मुद्दों पर नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखकर चर्चा में आए थे।
  • जिसके लिए उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी।

कई मामलों को लेकर सुर्खियों में रहें:

  • राजनयिक, राजदूत और राजनेता के तौर पर जाने जाने वाले शहाबुद्दीन का जन्म 1935 में हुआ था।
  • वह बिहार स्कूल परीक्षा समित की मैट्रिक की परीक्षा के टॉपर रहे थे।
  • शहाबुद्दीन 1958 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुने गये।
  • वर्ष 1978 में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया।
  • वह 1979 से 1996 तक पार्लियामेंट आफ इंडिया के सदस्य रहे।
  • वह विदेश मंत्रालय में दक्षिण-पूर्व एशिया, हिंद महासागर और प्रशांत के संयुक्त सचिव भी रहे हैं।
  • वह राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
  • शहाबुद्दीन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के नेता के रूप में प्रसिद्ध थे।
  • शाह बानो केस और बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद उनका नाम देश भर में सुर्खियों में छाया रहा।
  • उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था।
  • उन्होंने 1989 में इंसाफ पार्टी का गठन किया था।
  • जिसे एक साल के भीतर ही भंग भी कर दिया था।
  • उन्हें भारत के संघीय ढ़ांचे के पैरोकार के तौर पर भी जाना जाता है।
  • उनकी राय में शासन के हर स्तर पर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी होनी चाहिए थी।
  • वह कई मुस्लिम संस्थानों और संगठनों से भी जुड़े हुए थे।
  • वह ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुसावरात के 2004 से 2007 के बीच अध्यक्ष भी रहे।

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