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पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी आज 92 साल के हो गए. सक्रीय राजनीति से सन्यास ले चुके अटल बिहारी बाजपेयी आज दलिया खाकर जीवित हैं. कभी खाने के शौक़ीन रहे अटल बिहारी बाजपेयी आज बिना डॉक्टर के निर्देश के खाना नहीं खा पाते हैं. अपने सरकारी आवास में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अटल बिहारी वाजपेयी एकाकी जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

महान व्यक्तित्व के धनी और प्रखर वक्ता के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ी. चाहे संयुक्त राष्ट्र में दिया गया हिंदी में भाषण हो या फिर किसी सम्मलेन में दिया गया भाषण, दोनों ही मौकों पर अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों के अथाह समंदर में श्रोता डूब जाने को मजबूर हो जाते थे.

ऐतिहासिक भाषण के वो 30 सेकंड:

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मुंबई अधिवेशन के दौरान उन्होंने भाषण दिया जो कि इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. उस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए थे. भाषण के दौरान उनके द्वारा कही गई बातें आज भी लोगों की जुबान पर रहती हैं. अटल बिहारी वाजपेयी आगे चलकर भारत के प्रधानमंत्री बने और देश की सेवा की. राजनीति में अलग पहचान स्थापित करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है.

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