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पार्टी आलाकमान ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को बनाया उत्तर प्रदेश कांग्रेस का नया प्रभारी!

यूपी विधानपरिषद और राज्यसभा चुनावों में पार्टी की अंदुरूनी कलह को रोकने में नाकाम रहने पर पार्टी आलाकमान  ने प्रदेश नेतृत्व को बदलने का निर्णय लिया है। फिलहाल मधुसूदन मिस्त्री उत्तर प्रदेश के मामले देख रहे थे, अब कांग्रेस ने उन्हें हटाकर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को पार्टी महासचिव और पंजाब प्रभारी बनाया गया है।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुए बदलावः

कांग्रेस की तरफ से हुए इन बदलावों को दोनों राज्यों में अगले साल होने वाले विधामसभा चुनाव से पहले पार्टी के संगठनात्मक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

पार्टी आलाकमान के इस फैसले की जानकारी देते हुए कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने रविवार को कहा की राज्यसभा में विपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है और कमलनाथ पंजाब के साथ हरियाणा का भी प्रभार भी संभालेंगे।

राज्यसभा चुनावों में हार पर गिरी गाजः

हाल ही में हुए 7 राज्यों के राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस को भिरतघात का सामना करना पड़ा है, पार्टी प्रदेश नेतृत्व विधायकों की बगावत को रोकने में नाकाम रहा था, यूपी में भी कांग्रेस के कई विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी, नतीजन यूपी कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को प्रभार से मुक्त कर दिया गया है, उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति का नया महासचिव  प्रभारी नियुक्त किया गया है।

वहीं शकील अहमद के पास पंजाब और हरियाणा का प्रभार था, बताया जा रहा है कि हरियाणा में 14 विधायकों ने गलत ढंग से चिन्ह लगाकर मतदान किया, जिससे उनके मतपत्र अवैध हो गए। इसके कारण कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आर के आनंद की हार हो गई। आरोप हैं कि ऐसा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा की शह पर किया गया।

कांग्रेस के पुराने साथी हैं आजाद, कमलाथः

मालूम हो कि आजाद गांधी परिवार के वफादार  माने जाते हैं, वे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, आजाद इससे पहले भी दो बार एआईसीसी के महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी रह चुके हैं।

69 साल के कमलनाथ वर्तमान लोकसभा में वरिष्ठतम सदस्य हैं, वे नौ बार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से विजयी हुए हैं, कमलनाथ करीब 15 सालों तक पार्टी के महासचिव रहे थे। उनके पास गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों का प्रभार रहा है।

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