केंद्र सरकार ने धार्मिक जगहों पर खिलाएं जाने वाले लंगर को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया हैं. सरकार के इस फैसले के बाद कई धार्मिक स्थानों में ख़ुशी की लहर है. वहीं इसको लेकर केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया हैं. 

धार्मिक स्थानों पर लंगर हुया GST मुक्त:

केंद्र सरकार ने भारी दबाव के बाद जीएसटी के केंद्रीय हिस्से और आईजीएसटी को धार्मिक संस्थानों में होने वाले लंगर पर से हटा दिया हैं. बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसको लेकर केंद्र सरकार को इस्तीफे की धमकी दी थी जिसके बाद श्री दरबार साहिब समेत तमाम धार्मिक स्थानों पर चल रहे लंगर अब जीएसटी से मुक्त हो गए हैं। गौरतलब है कि पंजाब सरकार पहले ही अपने हिस्से का जीएसटी माफ कर चुकी है।

सरकार के इस फैसले के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लंगर के खाने पर लगने वाले जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को माफ किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है.

गौरतलब बात ये है कि इस ट्वीट में उन्होंने कहीं पीएम नरेंद्र मोदी का ज़िक्र नहीं किया है. हां, उन्होंने अरुण जेटली को ज़रूर इसमें टैग किया है.

नीतीश सरकार के सूचना विभाग ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की. जिसमें लिखा है कि लंगर में इस्तेमाल किए जाने वाले राशन पर जीएसटी के तहत छूट देने के लिये मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया है.

धार्मिक संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे लंगर के लिए खरीदे जा रहे सामान पर लगाये जा रहे जीएसटी के कारण धार्मिक संस्थानों का खर्च ज्यादा होता था, जिससे धार्मिक संस्थानों के साथ-साथ आम लोगों को भी कठिनाईयां होती थी.

केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की धमकी के बाद आया फैसला:

इससे पहले हरसिमरत कौर ने भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकत करके सरकार के लंगर पर लगने वाले जीएसटी को हटाने के फैसले पर आभार व्यक्त किया.

बता दें कि पिछले साल एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से सभी धार्मिक संस्थानों पर चलने वाले लंगर भी इसके अधीन आ गए। सबसे ज्यादा आलोचना श्री दरबार साहिब में चल रहे लंगर को लेकर पंजाब में हुई थी।

जिसके बाद पंजाव सरकार ने राज्य में लंगर पर जीएसटी हटा दिया था. अव पीएम मोदी ने सांस्कृतिक मंत्रालय के अधीन सेवा भोज योजना को लागू करते हुए यह फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने साल 2018-19 के लिए सेवा भोज योजना को चलाते हुए इसके अधीन 325 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके जरिये धार्मिक स्थानों पर चल रहे लंगर की तैयारी के लिए खरीदी जाने वाली राशन सामग्री पर जीएसटी और आईजीएसटी के केंद्रीय हिस्से को संबंधित धार्मिक संस्थानों को लौटाया जाएगा।

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