दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी समय से खटपट चल रही थी.इसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.जिसमें कोर्ट ने कई सवाल खड़े किये.कोर्ट ने कहा सरकार केर पास शक्तियाँ होनी चाहिए पर उन शक्तियों का आधार क्या होना चाहिए ये तथ्य भी साफ़ होने चाहिए.

दिल्ली सरकार द्वारा शक्तियों की मांग

  • सुप्रीम कोर्ट में वकील गोपाल सुब्रहमण्यम सरकार की ओर से इस
  • केस की पैरवी कर रहे हैं उन्होंने अपनी इस केस में अपनी दलील रखी
  • सरकारी वकील ने कहा की कम से कम राज्य सरकार की ताकतों में
  • पारदर्शिता लायी जाए जिससे उपराज्यपाल और राज्य सरकार के
  • बीच जारी मनमुटाव खत्म हो.वकील ने संविधान के तहत कई तर्क रखे.
  • संविधान में ये कहीं नहीं लिखा की उपराज्यपाल सरकार चलायेंगें.

कानून और नियमों का हो पालन

  • सरकारी वकील द्वारा कहा गया की इस मामले में
  • नियम और क़ानून का सख्ती से पालन करना चाहिए.
  • कौंसिल ऑफ मिनिस्टर की सलाह मानने के लिए उपराज्यपाल बाध्य हैं.
  • राज्य सरकार के काम में अडचन डालकर कोई विकास नहीं होगा.
  • बल्कि सरकार भी सही से काम नहीं कर पाएगी.
  • इस मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी.
  • दिल्ली सरकार में हाल ही में नए राज्यपाल की नियुक्ति हुई है.
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