भारतीय IT कंपनियों को अब अमेरिका का H1B Visa लेने के लिया ज्यादा भुगतान करना होगा और अब IT कंपनियों के लिए वीजा लेना काफी महंगा हो जायेगा। इसके संबंध में पिछले साल दिसंबर में पास हुए कानून को लागू किया गया है।

इस कानून के मुताबिक वीजा के लिए आवेदन करने वालों को 4500 डॉलर अधिक देने होंगे। ये कानून 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा। अमेरिका के फेडरल सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सेवा की वेबसाइट पर बढ़ी हुई फीस का ब्यौरा मिल जायेगा।

H-1B वीजा कार्यक्रम अमेरिकी व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को रोजगार हेतु अमेरिका में आकर व्यवसायों में प्रायोजित करने के लिए प्रदान करता है। एल-1 वीजा उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिनका अमेरिका और विदेश दोनों जगह ऑफिस होता है और समान रूप से दोनों ही जगहों पर काम-काज हो रहा होता है।

भारतीय आईटी कंपनियां जो इन नियमों को द्वेषपूर्ण बताती हैं उनपर करीब 40 करोड़ डालर सालाना का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा!

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी यह मामला उच्च स्तर पर उठा चुके हैं लेकिन अभी भी इस सन्दर्भ में कोई अच्छे संकेत मिलते दिखाई नहीं दे रहे हैं। भारत से अमेरिका जाकर नौकरी करने वालों की संख्या भी कम नहीं है ऐसे में आईटी कंपनियों के लिए ये बोझ सिरदर्द बनता दिखाई दे रहा है।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें