देश में हर साल बजट संसद में पेश किया जाता है और हर 5 साल में इसे अलग-अलग वित्त मंत्री पेश करते भी दिखायी देते हैं। मगर एक चीज ऐसी है जो हर बजट सत्र के आने से पहले होती है और वो चीज हलवा सेरेमनी है। ये हलवा सेरेअनी बजट प्रक्रिया के अंतिम और सबसे अहम चरण की शुरुआत है। इस प्रक्रिया का समापन वित्त मंत्री के भाषण के साथ होता है। हमेशा की तरह 2018 के बजट के पहले भी हलवा सेरेमनी होगी।

कुछ ऐसी होती है हलवा सेरेमनी :

भारत की परंपरा में किसी भी शुभ काम की शुरुआत को मीठे के साथ किया जाता है। ये परंपरा काफी समय से देश में प्रचलित रही है। बजट की शुरुआत के समय होने वाली इस परंपरा में वित्त मंत्री भी मौजूद रहते हैं। इस दौरान वित्त मंत्री खुद प्रिटिंग के काम से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को हलवा बांटकर प्रिंटिंग प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत करते हैं। ये सेरेमनी होने के बाद वित्त मंत्रालय के 100 कर्मचारी प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिन तक रुकते हैं।

बजट जारी होने तक रहते हैं कर्मचारी :

देश में बजट की प्रिंटिंग भारत के सबसे गुप्त ऑपरेशंस में से मानी जाती है। देश के बजट से जुड़ी सभी जानकारियां काफी जरूरी होती हैं और इनके लीक होने से केंद्र सरकार पर लोग सवाल खड़े कर सकते हैं। हलवा सेरेमनी के शुरू होने के साथ प्रिंटिंग से जुड़े कर्मचारी कुछ दिनों तक दुनिया से अलग रहने लगते हैं। इन दिनों में वे न किसी से मिल सकते हैं न ही किसी से बात कर सकते हैं। दुनिया से अलग रहने वाले कर्मचारी अपने परिवार से भी बात नहीं करते हैं। इस दौरान बेसमेंट में सिर्फ एक लैंडलाइन रखा जाता है जिसमें इनकमिंग कॉल की सुविधा रहती है। कुछ ख़ास अधिकारियों के अलावा किसी को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है।

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