देश को नए उपराष्ट्रपति के तौर पर वेंकैया नायडू मिल चुके हैं, जिन्होंने उपराष्ट्रपति के चुनाव में UPA उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को हराया था। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने नए उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से पहले एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, देश का मुस्लिम वर्ग घबराया और सहमा हुआ है। जिसके बाद से देश की राजनीति में नया बवाल आ गया है। हालाँकि, यह पहला मामला नहीं है जब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी(hamid ansari) न चाहते हुए भी विवादों में फंसे हैं, हामिद अंसारी के 10 साल के कार्यकाल में उनके 3 ऐसे विवादित किस्से हैं, जो वो कभी नहीं भुला पाएंगे।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के 3 मशहूर ‘विवादित किस्से'(hamid ansari):

किस्सा नंबर-1. योग दिवस के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे हामिद अंसारी(hamid ansari):

  • 2014 में 30 सालों बाद किसी सरकार ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनायी थी।
  • जिसके अगले ही साल 21 जून, 2015 को,
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को भारत समेत दुनिया के 190 देश मना रहे थे।
  • जिसके मुख्य कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित राजपथ पर किया गया था।
  • मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत उनका पूरा मंत्रिमंडल मौजूद था।
  • लेकिन उपराष्ट्रपति पद पर मौजूद हामिद अंसारी कार्यक्रम से नदारद थे।
  • जिसके बाद इस घटना को लेकर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर कई तरह के सवाल उठाये गए।
  • शाम तक उपराष्ट्रपति के कार्यालय से इस बाबत सफाई दी गयी कि,
  • उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया था।
  • गौरतलब है कि, 2015 से लेकर 2017 के योग दिवस कार्यक्रम में हामिद अंसारी एक बार भी शामिल नहीं हुए हैं।

किस्सा नंबर-2. भारत की शान, तिरंगे का अपमान?(hamid ansari):

  • उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का दूसरा किस्सा अत्यंत ही विवादित है।
  • क्योंकि यह किस्सा भारत की शान- तिरंगे से जुड़ा हुआ है।
  • यह किस्सा 2015 गणतंत्र दिवस का है, जिस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के दौरे पर थे।
  • गणतंत्र दिवस के मौके पर जब तिरंगा लहराया जा रहा था,
  • तब उसके नीचे खड़े राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा,
  • उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर खड़े हुए थे।
  • इस दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री तिरंगे को सलामी दे रहे थे।
  • लेकिन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तिरंगे को सलामी नहीं दी थी।
  • जिसके बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर तिरंगे का सम्मान न करने जैसे आरोप लगे थे।
  • इस विवाद की सफाई भी उपराष्ट्रपति कार्यालय से दी गयी, जिसमें कहा गया कि, समारोह के मुख्य पदाधिकारी राष्ट्रपति थे।
  • इसलिए प्रोटोकॉल के मुताबिक, तिरंगे को सलामी राष्ट्रपति ही दे सकते हैं।
  • हालाँकि, यह बहुत ही बचकानी सफाई थी।
  • देश के संविधान में झंडे को सबसे ऊपर रखा गया है, साथ ही भारत के संविधान में झंडे के पूर्ण सम्मान की बात भी कही गयी है।
  • हालाँकि, उस समय कार्यक्रम तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति मौजूद थे, इसलिए किसी और को सलामी देने की आवश्यकता नहीं थी।
  • लेकिन अगर उपराष्ट्रपति तिरंगे के लिए एक प्रोटोकॉल तोड़ देते तो शायद आम आदमी होने के नाते मुझे और अच्छा लगता।

किस्सा नंबर-3. राज्यसभा की कार्यवाही को अचानक स्थगित करना(hamid ansari):

  • प्रोटोकॉल की खातिर तिरंगे को सलामी न देकर ट्रोलर के अपमान का घूँट पीने वाले उपराष्ट्रपति मसीहा जैसे प्रतीत होते हैं।
  • लेकिन ऐसा नही है उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल उस पार्टी को बचाने के लिए कर चुके हैं,
  • जिसने उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया था।
  • 30 दिसम्बर, साल 2012 को संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवही चल रही थी।
  • सत्ता पक्ष कांग्रेस जन लोकपाल बिल पर बुरी तरह से घिरी हुई थी।
  • गौरतलब है कि, सत्र का यह आखिरी दिन था और लगभग आधी रात का समय हो चुका था।
  • जिसके बाद आधी रात के करीब उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी राज्यसभा पहुँचते हैं और कार्यवाही को स्थगित कर देते हैं।

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