हाई कोर्ट जजों के ट्रांसफर के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा है.

जजों को क्यों नहीं दिए गए ट्रांसफर :

  • कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अटॉर्नी जनरल (AG) साफ तौर पर बताएं कि कोर्ट के आदेश के बावजूद हाईकोर्ट के जजों के ट्रांसफर के आदेश क्यों नहीं किए गए?
  • मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) टीएस ठाकुर ने कहा कि ये ट्रांसफर के केस लगभग साल भर से लंबित हैं
  • इसलिए सरकार को इसका साफ जवाब देना चाहिए.
  • अगर सरकार को कोई दिक्कत है तो कोर्ट को बताना चाहिए.
  • परंतु ऐसे मामले को लटकाया नहीं जा सकता.
  • उल्‍लेखनीय है कि जस्टिस केएम जोजफ को उतराखंड से तेलंगाना,
  • जस्टिस एमआर शाह को गुजरात से मध्य प्रदेश,
  • जस्टिस मुखर्जी को कर्नाटक से उतराखंड
  • साथ ही जस्टिस बाल्‍मिकी मेहता को दिल्ली से मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए कोलेजियम ने केंद्र को सिफारिशें भेजी थीं.
  • गौरतलब है कि यह स्थानान्तरण फरवरी से अभी तक लंबित हैं.
  • वहीं गुजरात के वकील यतिन ओझा ने कोर्ट में कहा कि गुजरात में हालात खराब हैं
  • साथ ही हाईकोर्ट के जज के ट्रांसफर की फाइल पिछले साल फरवरी से लंबित है.
  • इससे पहले 18 नवंबर को सुनवाई में हाई कोर्ट जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच तकरार और बढ़ गई थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए 43 प्रत्याशियों को नियुक्ति देने के आदेश दिए थे
  • साथ ही कहा था कि तीन हफ्ते में केंद्र नियुक्ति दे.
  • कोर्ट ने केंद्र की इन लोगों की नियुक्ति पर विचार करने की दलील खारिज कर दी गई थी.
  • जिसके बाद केंद्र ने इस सूची को वापस भेजा था.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें