लड़कियों के लिए कोई पिंजरा या चार दिवारी नहीं खुला आसमान ही लड़कियों की असली पहचान होती है जिसे सच साबित किया है दिल्ली में रहने वाली मेहरून निशा ने.

दिल्ली में बतौर बाउंसर काम करती हैं

  • सहारनपुर में जन्म लेने वाली दिल्ली में बतौर बाउंसर काम करती हैं.
  • इनका यह काम देश की बाकी महिलाओं के लिए मिसाल है .
  • दिल्ली जहाँ पर आये दिन बलात्कार के मामले सामने आते रहते हैं.
  • उसी राज्य की ये लड़की बिना डरे ये काम करती है.

शाहरुख़ सलमान जैसे बड़े सितारों के साथ किया काम

  • अपने काम को लेकर वह काफी सक्रिय रहतीं है.
  • रेस्टोरेंट में आने वाले लोग किसी तरह का हो हल्ला न करे.
  • और किसी तरह का हतियार साथ न लायें .
  • देर रात तक काम करने के बाद जब वो घर पहुँचती हैं.
  • तो मोहल्ले वाले कहानियां बनाते हैं की कहा से आ रही कहाँ जा रही.
  • पर इन सबका उनपर कोई असर नहीं पड़ता.

बचपन बेहद मुश्किल रहा

  • रूढ़ीवादी पिता और साथ देने वाली माँ इन दोनों के बीच बचपन गुजरा.
  • पिता घर आकर कमरों की लाइट बंद कर देते थे ताकि वो पढ़ न सकें.
  • उनका मानना था की लड़कियां पढ़ लिख कर बिगड़ जाती हैं.
  • तीन भाई बहन का इस माहौल में पढ़ना बड़ा मुश्किल था.
  • लेकिन इन्होने कभी हार नहीं मानी.
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