वायुसेना के AN-32 विमान का कोई पता नहीं चला है। इस विमान में कुल 29 लोग सवार थे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर खुद लापता हुए विमान के सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखें हुए हैं। वायुसेना के लापता हुए विमान का सुराग पता लगाने के लिए अब सैटेलाइट की मदद ली जा रही है।

नौसेना की रूकमणी सैटेलाइट ने इमेजैरी-तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं। बावजूद इसके विमान के लोकेशन के बारे में अभी तक कोई सुराग हाथ नही लग पाया है।

रूकमणी उपग्रह ने समंदर मे तैर रहीं कुछ चीजों की तस्वीरें भेजी थी और उस जगह युद्धपोत और टोही विमानों को भेजा गया, फिर भी विमान के बारे में जानकारी नहीं मिली। जिस जगह प्लेन लापता हुआ वहां समंदर करीब 3500 मीटर गहरा है। जानकारी के मुताबिक, आज से एक और सैटेलाइट को लापता विमान का पता लगाने के लिए लगाया जायेगा।

गौरतलब है कि वायुसेना का विमान AN-32 उड़ान भरने के बाद गायब हो गया और उसके लोकेशन के बारे में अभी तक तमाम खोजबीन के बाद जानकारी नही मिल पा रही है। लापता हुए विमान की खोज के लिए नौसेना और कोस्टगार्ड के 17 जहाज दिन रात बंगाल की खाड़ी में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच जुटे हैं। इसके अलावा वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड के 16 टोही विमान भी लापता हुए विमान की तलाशी में जुटे हैं।

वायुसेना द्वारा तमिलनाडु के सेलाइयुर थाने में विमान के लापता होने की एफआईआर एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत दर्ज कराई गई है। जिसमें कहा गया कि, ‘विमान ने 22 जुलाई की सुबह 9.05 मिनट पर एटीसी से (खराब) मौसम के चलते अपने हवाई-मार्ग से दांई दिशा मे जाने की इजाजत मांगी थी पर 9.13 मिनट के बाद विमान रडार से बाहर हो गया। उसके बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो पाया। AN-32 विमान एक कोरियर-प्लेन था जो सशस्त्र सेनाओं के 23 अधिकारियों और जवानों के लेकर चेन्नई के ताबरम एयरबेस से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था।

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