द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया(आईसीएआई) ने अपने सभी सदस्यों को नोटबंदी के फैसले के खिलाफ राय न देने दी एडवाइजरी वापस ले ली है। सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ आईसीएआई के तुगलकी फरमान की चौतरफा निन्दा होने पर यह एडवाइजरी वापस ली गई है।

एडवाइजरी में चेताया गया था कि सीए केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कोई राय न देँ। आईसीएआई ने अपने सीए सदस्यों को एडवाइजरी के जरिये कहा था कि वह अपने क्लाइंटस को इसके फैसले के खिलाफ को राय न दें। साथ ही किसी सार्वजनिक मंच पर भी नोटबंदी के पर अपनी राय रखते हुए काफी सजगता बर्तें। माना जा रहा है कि संस्था ने हाल में कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के 500-1000 के नोट को खपाने में मामले में फंसने के बाद इस तरह की एडवाइजरी जारी की थी।

क्या थी एडवाइजरी में सलाह :

  • एडवाइजरी में लिखा है कि सीए देश हित को ध्यान में रखे हुए अपने क्लाइंट्स को सलाह दें।
  • नोटबंदी के फैसले को लेकर सरकार पर कोई सवाल न उठाएं।
  • सदस्यों को किसी तरह के गलत काम में शामिल न होने की सलाह दी गई है।
  • साथ ही किसी भी लेख व साक्षात्कार में नोटबंदी को लेकर नकारात्मक राय न देने को कहा गया है।
  • वहीं सार्वजनिक मंच पर नोटबंदी पर अपने विचार बेहद सावधानी से रखने को कहा गया है।
  • आईसीएआई के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए काम करने को कहा गया है।

आईसीएआई ने फैसले का बताया सही :

  • नोटबंदी के फैसले को आईसीएआई ने अर्थिक विकास के जोरदार बूस्ट बताया है।
  • इस कदम से ब्लैकमनी पर खत्म करने के साथ ही देशविरोधी गतिविधियों को रोकने में आसानी होगी।
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