आईआईटी की एक छात्रा ने संस्थान के एक प्रोफेसर पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है। मामला भुवनेश्वर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का बताया जा रहा है।

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राज्य सरकार ने दिया जांच के आदेश :

  • IIT भुवनेश्वर में पीएचडी की एक छात्रा ने संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
  • ओडिशा सरकार ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
  • पीएचडी पीड़ित छात्रा पश्चिम बंगाल की रहने वाली है।
  • छात्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि उसके पति का भी मानसिक उत्पीड़न किया गया।
  • बता दें कि पीड़िता के पति भी इसी संस्थान से पीएचडी कर रहे हैं।

अधिकारियों की दी लिखित शिकायत :

  • पीड़िता ने संस्थान के अधिकारियों के समक्ष लिखित में एक शिकायत दी है।
  • छात्रा ने शिकायत की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी प्रेषित किया है।
  • महिला द्वारा इस संबंध में अपने वकील के माध्यम से आईआईटी के निदेशक को नोटिस भेजा है।
  • इसके बाद कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव ने निदेशक से फौरन रिपोर्ट मांगी है।

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प्रोफेसर ने किया यौन उत्पीड़न :

  • वकील एम.प्रताप ने कहा कि प्रोफेसर के अंडर में पीएचडी करने वाली पीड़िता एकमात्र महिला थी।
  • कहा उन्होंने कक्षा में उनके शरीर को कई बार छूकर उन्हें यौन व मानसिक तौर पर उत्पीड़ित करना शुरू कर दिया।
  • एक साल के बाद प्रोफेसर के अंडर में दो और विद्यार्थी पीएचडी करने आए, जिनमें एक पुरुष था।
  • पाठ्यक्रम के दौरान ही महिला ने उस छात्र से शादी कर ली।
  • जिसके बाद प्रोफेसर ने उनके पति का मानसिक तौर पर उत्पीड़न किया।
  • गर्भवस्था के दौरान प्रोफेसर ने उनके समक्ष बेहद विकट परिस्थिति पैदा कर दी थी।

पीएचडी डिग्री रद्द करने के लिए IIT अधिकारियों के मनाया :

  • नोटिस के मुताबिक साल 2013 में उन्हें सीढ़ियों के सहारे चढ़कर चौथी मंजिल पर स्थित कक्षा में आने को कहा गया।
  • प्रोफेसर ने साल 2016 तक महिला व उनके पति का शारीरिक व मानसिक तौर पर उत्पीड़न किया।
  • प्रताप ने कहा कि प्रोफेसर ने बिना किसी नोटिस के महिला के पति की पीएचडी डिग्री रद्द करने के लिए आईआईटी के अधिकारियों को मना लिया।
  • महिला का साल 2012 से ही यौन उत्पीड़न होता आ रहा था और उन्होंने आईआईटी अधिकारियों से मदद की गुहार भी लगाई थी।
  • वकील ने कहा, लेकिन उनके मामले को देखने के लिए संस्थान द्वारा गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की रिपोर्ट से वह संतुष्ट नहीं हुईं।

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