21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले ही दिन भारत के युवा वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने पहला मेडल जीता. गुरुराजा ने कुल 249 किलोग्राम उठाकर सिल्वर मेडल जीता और देश को पहला पदक दिलाया. मलेशिया के इजहार अहमद ने गोल्ड मेडल जीता वहीं श्रीलंका के चतुरंगा लकमल ने  ब्रॉन्ज मेडल जीता.

ड्राईवर के बेटे है गुरुराजा, जीत चुके साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड:

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले ही दिन भारत को बड़ी कामयाबी मिली. वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने गुरुवार को 56 किलोग्राम (मेंस) कैटेगरी में सिल्वर जीता. वेटलिफ्टिंग के अहम मुकाबले में 24 साल के गुरुराजा ने स्नैच में 111 का स्कोर किया, तो वहीं क्लीन एंड जर्क में 138 का स्कोर बनाया. उन्होंने कुल 249 का स्कोर करते हुए रजत पदक अपने नाम किया.

गौरतलब है कि 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सुखन डे ने 56 किग्रा (मेंस) कैटेगरी में गोल्ड जीता था. उन्होंने कुल 248 किग्रा का वजन उठाया था. इस बार गुरुराजा कुल 249 किग्रा का वजन उठाने के बाद भी सिल्वर मेडल ले पाए.

गुरुराजा कर्नाटक के रहने वाले हैं और उनके पिता ट्रक चलाते हैं. आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उनके परिवार ने उन्हें वो हर चीज दिलाई, जो उनके इस गेम को बेहतर बनाने के लिए जरूरी थी. उन्होंने 2010 में वेटलिफ्टिंग करियर शुरू किया था. शुरू में गुरुराजा के  सामने कई परेशानियां आईं. वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में डाइट और सप्लीमेंट्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. इसके लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे. लेकिन उनके पिता ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी और बेटे को आगे बढ़ने का हौसला देते रहे. उनके परिवार में आठ लोग हैं.

बता दें कि गुरुराजा पुजारी ने 2016 साउथ एशियन गेम्स में 56 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता था. तब उन्होंने कुल 241 किग्रा वजन उठाया था. उन्होंने इसी साल पेनांग में कॉमनवेल्थ सीनियर वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भी गोल्ड जीता. उन्होंने 249 किग्रा (स्नैच में 108 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 141 किग्रा ) वजन उठाया था.

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