महाराष्ट्र के पुणे में सोमवार 1 जनवरी को भड़की हिंसा बुधवार तक बढ़कर प्रदेश के 18 शहरों में फ़ैल हो चुकी है, जिसके बाद अब तक कई बार जातीय संघर्ष की ख़बरें महाराष्ट्र जिले से आ रही हैं, सोमवार को महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो पक्षों के बीच हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गयी थी, जिसके बाद हिंसा का विस्तार प्रदेश के 18 शहरों तक हो चुका है, जिनमें मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर जैसे शहर शामिल हैं.

महाराष्ट्र सीएम ने कही जाँच की बात

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा की जो वारदात सामने आई है उसकी जांच होगी. CCTV फुटेज को बारीकी से देखा जा रहा है. बता दें कि पुणे हिंसा को लेकर बीजेपी पर चौतरफा हमले हो रहे हैं.

250 से ज्यादा दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया 

देश के महाराष्ट्र में सोमवार से शुरू हुई जातीय हिंसा बढ़कर प्रदेश के 18 शहरों को अपनी चपेट में ले चुकी है, इसके साथ ही करीब 250 से ज्यादा संगठन जिनमें, बहुजन महासंघ, महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट ने महराष्ट्र बंद का ऐलान किया है, इसके साथ ही मुंबई, ठाणे समेत राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं, इतना ही नहीं ठाणे में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है,

जिग्नेश-उमर खालिद पर FIR दर्ज 

पुणे के पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद पर FIR दर्ज हो चुकी है, दोनों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए FIR दर्ज की गयी है, FIR के मुताबिक, इन दोनों के भड़काऊ भाषण के बाद ही राज्य में हिंसा शुरू हुई थी,

मायावती ने भाजपा-आरएसएस पर साधा निशाना 

महाराष्ट्र के पुणे से शुरू हुई हिंसा अब पूरे राज्य में फैलने की कगार पर पहुँच चुकी है, वहीँ बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस पर अपना निशाना साधा है, मायावती ने आगे कहा कि, कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र सरकार को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए थी, भाजपा सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, ये भाजपा का षड्यंत्र है, इस हिंसा के पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है.

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