भारत तिब्बत सीमा पुलिस के वीर जवानों ने 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर माइनस 30 डिग्री तापमान में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया।हिमवीरों देश के रणबांकुरे हिमालय के लद्दाख क्षेत्र में देश की रक्षा के लिए हरदम डटे रहते हैं। तिरंगे को जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में चीन की सीमा पर फहराया गया जिससे देश को गर्व करने का दोगुना मौका मिला। देश की राजधानी दिल्ली में आईटीबीपी मुख्यालय पर आईजी दलजीत सिंह चौधरी ने ध्वजारोहण किया। तस्वीरों में दिख रहे जवान बर्फ की सफेद चादर से ढंकी लद्दाख की दारमा घाटी में तिरंगा फहरा कर भारत मां को सलाम करते नजर आ रहे हैं। वीर सपूत सफेद रंग की ड्रेस पहने तिरंगा हाथ में उठाए खड़े हुए है। बता दें कि यह पहाड़ी पंचाचूली से भी काफी जटिल और दुर्गम मानी जाती है। यहां पर मौसम खराब होने की वजह से बर्फ के तूफान की आशंका हमेशा ही बरकरार रहती है।

देश की राजधानी दिल्ली में 70वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर सुबह 10 बजे तिरंगा फहराया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी 21 तोपों की सलामी दी गई, जबकि सलामी मंच से हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई गई। वहीं राष्ट्रपति ने शहीदों के परिजन को वीरता पुरस्कार सौंपे। राष्ट्रपति ने लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरोणपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया। यह सम्मान उनकी पत्नी को दिया गया।

पहली बार 90 साल से ज्यादा की उम्र के सैनिक परेड में शामिल

सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया। लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया। इस बार गणतंत्र दिवस में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा मुख्य अतिथि हैं। गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (आईएनए) के चार पूर्व सैनिक हिस्सा लेंगे। इनमें लालतीराम (98), परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) शामिल हैं। आईएनए के सैनिकों को इस परेड में पहली बार बुलाया गया है।

हर बार विदेशी मेहमान होते हैं मुख्य अतिथि

गणतंत्र दिवस के मौके पर 1950 से ही विदेशी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राजाओं को बुलाने की परंपरा रही है। अब तक समारोह में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, पाकिस्तान और चीन से लेकर पड़ोसी राज्य भूटान, श्रीलंका के मुखिया इसका हिस्सा बन चुके हैं। फ्रांस के प्रतिनिधि सबसे ज्यादा बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने हैं। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मेहमान बने थे। 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। हालांकि, इस बार भी भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समारोह में आमंत्रित किया था, लेकिन उनके इनकार के बाद द. अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रमपोसा को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।

अनाम सैनिकों की याद में कराया गया अमर जवान ज्योति का निर्माण

साल 1971 में देश ने पाकिस्तान को युद्ध मे धूल चटा दी थी, तब पाक के 90 सैनिक बंदी बनाए गए थे। हालांकि, देश के करीब तीन हजार जवानों ने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उन्हीं अनाम सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति का निर्माण कराया गया। इसमें अनाम सैनिक की बंदूक और हेलमेट प्रतीक के रूप में दर्शाई गई है, जिसमें राइफल के ऊपर हेलमेट रखा दिखता है। यह परेड विजय चौक से सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई। यह राजपथ, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग से होकर लाल किला पहुंची।

राजपथ के कार्यक्रम की एक नजर

सुबह 9:50 बजे मोदी राजपथ पर पहुंचे। 9:55 बजे मोदी ने मुख्य अतिथि साइरिल रामफोसा का स्वागत किया। 10:00 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया। 10:02 बेज लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत को अशोक चक्र प्रदान किया गया। 10:05 बजे एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने पुष्प वर्षा की। 10:07 बजे मेजर जनरल राजपाल ने परेड में सबसे पहले सलामी दी। 10:11 बजे देश के एकमात्र घुड़सवार दस्ते 61 कैवलरी ने परेड की सलामी दी। 10:13 बजे युद्धक टैंक टी-90 भीष्म की झांकी निकली। कैप्टन नवनीत एरिक ने दस्ते का नेतृत्व किया। 10:14 बजे एम-777 ए-2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप ने सलामी दी। 10:16 बजे आकाश हथियार प्रणाली की तरफ से सलामी दी गई। 10:17 बजे वायुसेना के ध्रुव और रुद्र हेलिकॉप्टर ने फ्लाईपास्ट किया। इन हेलिकॉप्टरों ने आसमान में डायमंड फॉर्मेशन बनाई। 10:20 बजे मद्रास रेजीमेंट, राजपूताना राइफल्स और उसके बाद सिख रेजीमेंट ने सलामी दी। सेना सेवा कोर के दस्ते और कंबाइंड बैंड दस्ते ने मार्चपास्ट किया। इसके बाद 102 इनफैंट्री बटालियन पंजाब के दस्ते ने दी सलामी दी। 10:21 बजे सेना सेवा कोर के दस्ते और कंबाइंड बैंड दस्ते ने मार्चपास्ट किया। इसके बाद 102 इनफैंट्री बटालियन पंजाब के दस्ते ने दी सलामी दी। 10:23 बजे वायुसेना बैंड की झांकी निकली। इसके बाद वायुसेना दस्ते ने सलामी दी। 10:25 बजे नौसेना मार्चिंग दस्ते की झांकी, इसमें 144 युवा नौसैनिक शामिल हुए। इससे पहले भूतपूर्व सैनिकों के एक दस्ते ने भी सलामी दी। 10:28 बजे डीआरडीओ ने परेड में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और रिकवरी वाहन अर्जुन को पहली बार शामिल किया। 10:30 बजे असम राइफल्स की पूरी महिला टुकड़ी पहली बार परेड में शामिल हुई। मेजर खुशबू कंवर ने नेतृत्व किया। 10:32 बजे भारतीय तटरक्षक और सीआरपीएफ दस्ते की सलामी। 10:35 बजे सीमा सुरक्षा बल के ऊंट दस्ते और दिल्ली पुलिस दस्ते की सलामी।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें