गत वर्ष जाट समुदाय द्वारा अपने शिक्षा व सरकारी नौकरी में आरक्षण के लिए किया गया आंदोलन इस वर्ष एक बार फिर से जोर पकड़ रहा है, जिसके तहत आज इस आंदोलन को 22 दिन हो चुके हैं. बता दें कि आज गत वर्ष हुए आंदोलन की बरसी भी है. जिसके तहत पूरे जाट समाज ने इसे जाट बलिदान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था. जिसके बाद इस आंदोलन में तेज़ी आ गई है. बता दें कि जाटों ने अपने हक़ की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए आगामी 2 मार्च को संसद का घेराव करने का ऐलान किया है.

1 मार्च को धरने को दिया जाएगा बड़ा रूप :

  • जाट समुदाय द्वारा अपने आरक्षण के लिए गत वर्ष की ही तरह आंदोलन किया जा रहा है.
  • जिसके बाद रविवार को गत वर्ष हुए इस आन्दोलन की बरसी को जाट बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया है.
  • बता दें कि इस दौरान अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति द्वारा एक बड़ा एलान किया गया है.
  • जिसके तहत कहा गया है कि आगामी 1 मार्च को जाटों द्वारा वर्तमान में हो रहे आरक्षण को बड़ा रूप दिया जाएगा.
  • इसके साथ ही कहा कि 2 मार्च को जाट समुदाय व आंदोलन में हिस्सा ले रहे जाट संसद का घेराव करेंगे.
  • इसके अलावा समिति सोमवार को हरियाणा सरकार द्वारा बुलाई गयी बैठक में शामिल होगी.
  • आपको बता दें कि समिति के अनुसार हरियाणा सरकार ने जो मुआवजा दिया है वह काफी कम है.
  • साथ ही समिति ने मंत्रियों व समाज के नेताओं पर उनके आंदोलन को रोकने के आरोप लगाये हैं.
  • साथ ही कहा कि आज जो बलिदान दिवस मनाया गया है वे गत वर्ष हुए जाट आन्दोलन के शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि देने  के लिए मनाया गया है.
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