हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में अफसरों की भूमिका की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने अपनी तीन सदस्यीय टीम के साथ आज सुबह मुख़्यमंत्री के गृह सचिव से मुलाकात करने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपनी जाँच रिपोर्ट सौंपी।

लगभग ढाई महीनों में तैयार की गई साढ़े चार सौ पेज की इस रिपोर्ट में दंगे में पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाये गए हैं। प्रकाश सिंह ने पुलिस सुधार के उपायों को तुरंत लागू करने की सलाह देते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस दंगों के दौरान किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने में नाकाम रही।

आयोग ने 5 दिन तक चले जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रभावित जिलों रोहतक, हिसारझज्जर, सोनीपत, जींद, कैथल और भिवानी का दौरा किया। इस दौरान टीम ने मानवाधिकार-हनन की घटनाओं एवं उसके तथ्यों और परिस्थितियों की बारीकी से जांच की और दंगों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें सभी बातों का ध्यान रखा गया है।

मुख़्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा है कि वो जल्द से जल्द इस रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करेंगे। 

 

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