हरियाणा में एक बार फिर जाट आंदोलन के सर उठाने के साथ ही इस कदम को एक नयी ऊर्जा मिल गयी है. गत वर्ष के आंदोलन के विफल होने के साथ ही इस वर्ष की शुरुआत में ही जाट समुदाय द्वारा यह आंदोलन एक बार फिर शुरू कर दिया गया है. आपको बता दें कि इस बार के आंदोलन में जाटों द्वारा कई तरह से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया गया. फिर चाहे वह जाट बलिदान दिवस हो या फिर काला दिवस, जाटों द्वारा इस बार के आंदोलन में एक आक्रोश देखने को मिला है. जिसके बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा इस समुदाय से सरकार के साथ बैठक करने की अपील की गयी है.

जाट समुदाय की मानी गयी सभी शर्तें :

  • हरियाणा में गत 29 जनवरी से जाट समुदाय द्वारा एक बार फिर आंदोलन की आग जलाई गयी थी.
  • जिसके बाद से ही इस राज्य में लगातार इस समुदाय द्वारा कोई ना कोई ऐसा कदम उठाया जा रहा है जो सरकार की नींद उड़ाए हुए है.
  • आपको बता दें कि इस समुदाय द्वारा लगातार जाट बलिदान दिवस व काला दिवस जैसे दिन मनाये गए हैं.
  • इसके साथ ही जाट करीब डेढ़ माह से इस आंदोलन पर बैठे हुए हैं.
  • जिससे रोज़ मर्रा की गतिविधियों में हो रही कमी के चलते सरकार की मुसीबतें बढ़ गयी हैं.
  • जाटों द्वारा कभी सड़क तो कभी यातायात के माध्यमों को रोखने के चलते जनता को खासा परेशानियां हो रही हैं.
  • आपको बता दें कि हाल ही में सरकार द्वारा जाट समुदाय की सभी शर्ते स्वीकार कर ली गयी थीं.
  • जिसके बाद अब हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा इस समुदाय से एक अपील की गयी है.
  • आपको बता दें कि इस अपील के तहत कहा गया है कि सभी जाट हरियाणा भवन में आज सरकार के साथ बैठक करें.
  • यही नहीं इस बैठक में सरकार समेत जस्टिस पीपी चौधरी भी मौजूद रहेंगे.
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