तीन साल पहले जम्मू और कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन से बनी सरकार आज गिर गयी. भाजपा ने महबूबा मुफ़्ती की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. इसी के साथ उनकी सरकार गिर गयी है.

2015 में गठबंधन में आये थी बीजेपी और पीडीपी:

जम्मू और कश्मीर से बड़ी खबर आ रही हैं. भाजपा ने आज महबूबा मुफ़्ती की सरकार के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दिया है. इसके बाद मुफ्बुबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी की सरकार गिर गयी हैं.

बता दें कि दिसंबर 2014 में जम्मू कश्मीर में विधान सभा चुनाव हुए, जिसके बाद PDP सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई. चुनाव में PDP को 28 सीटें मिली. 25 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर थी. जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली.

बहरहाल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. ऐसे में जम्मू कश्मीर में 49 दिनों तक गवर्नर का शासन रहा.  जिसके बाद 1 मार्च 2015 को PDP और BJP ने गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया.

आज भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए पीडीपी के साथ गठबंधन खत्म कर दिया है.

भाजपा नेता राम माधव ने बताई वजह:

भाजपा नेता राम माधव ने इस बारे में बताते हुए कहा, “हमने निर्णय लिया है कि जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात देखते हुए बीजेपी के लिए पीडीपी के साथ गठबंधन बनाए रखना मुश्किल है. इसलिए हम गठबंधन तोड़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “यहां आतंकवाद, हिंसा और चरमपंथी की घटनाएं काफी बढ़ी हैं और नागरिकों के मौलिक अधिकार खतरे में हैं. वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या इसका ताजा उदाहरण है.”

“हमने तीन साल पहले जो बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार बनाई थी, हम अपने उद्देशेयों में कितने सफल हुए इस पर विस्तार से चर्चा हुई. गृह मंत्रालय और एजेंसी से इनपुट लेने के बाद प्रधानमंत्री और अमित शाह की सहमति से निर्णय लिया है.

भाजपा नेता ने बताया कि हमने ये निर्णय किया है कि यह गठबंधन आगे चलना संभव नहीं होगा. जम्मू कश्मीर में भाजपा अपनी भागीदारी को वापस लेगी. जम्मू को क्षेत्र पूर्ण रुप से भाजपा को समर्थन दिया था. जनता के जनादेश को ध्यान में रखते हुए हमने यह निर्णय लिय़ा था. 

-राज्य में डेवलपमेंट के लिए मोदी सरकार ने कई काम किए. जितना भी संभव था, हमने सब किया.

-कश्मीर घाटी में तेज विकास और शांति बहाल करने के उद्देश्य से हमने पीडीपी के साथ गठबंधन किया था.

-केंद्र ने घाटी में सबकुछ किया. हमने पाकिस्तान की तरफ से हो रहे सीजफायर वॉयलेशन रोकने के लिए भी काफी प्रयास किए. पीडीपी अपने वादे पूरे करने में नाकम रही. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास कार्यों के दौरान हमारे नेताओं की पीडीपी की तरफ से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

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