कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरु हो गई है. शुरूआती रुझानों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है. चुनाव के बाद हुए एग्जिट पोल में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है.

बीजेपी की बढ़त: 

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को 72.13 फीसदी मतदान हुआ था. आर.आर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था. जयनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था. यहां जानें पल-पल की अपडेट.

किसी को बहुमत मिलने के आसार नहीं.

7 सीटों पर परिणाम बाकी.

बीजेपी 107 सीटों पर जीत चुके हैं.

राज्य में किसी भी पार्टी को विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत हैं. जिसमे बीजेपी को 109 सीटें मिल चुकी हैं. सिर्फ 3 सीटों की जरुरुत हैं

बीजेपी को बहुमत मिलने के मायनें:

-बीजेपी की जीत के साथ बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनेगी।

-बेलारी के सांसद बी श्रीमुलु, जो कि दो विधानसभा सीटों से लड़ रहे हैं, को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।

-पार्टी अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को बढ़ावा दे सकती है।

-इससे उसे 2019 के आम चुनाव में भी लाभ मिल सकता है।

-अगर भाजपा 4-5 सीटों से पीछे रह जाती है, जैसा कि एग्जिट पोल भी इशारा कर रहे हैं, तो पार्टी निर्दलीयों की सहायता से सरकार बना सकती है।

-2008 में भाजपा ने कुछ विपक्षी विधायकों को इस्तीफा दिलवाकर फिर से चुनाव लड़वाया था।

भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी तो जेडीएस के समर्थन की जरूरत:

इस स्थिति में भाजपा को जदएस के समर्थन की जरूरत होगी। जेडीएस के पास अभी 73 सीटें हैं. बहरहाल बीजेपी सबसे बड़ी पार्टीबन चुकी हैं . और अब राज्यपाल बीजेपी को बुलायेगें.

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