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कर्नाटक: ढाई दिन की येदियुरप्पा सरकार का आज फ्लोर टेस्ट

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‘कर्नाटक विधानसभा चुनाव’ में लगातार सियासी नाटक चल रहा हैं. बीएस येदियुरप्पा के शपथ लेने के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज बीएस येदियुरप्पा को 28 घंटों में बहुमत साबित करने का आदेश दिया हैं. आज 4:30 बजे इस बात का फैसला हो जायेगा कि कर्नाटक की सत्ता किनके हाथों में जाती हैं.

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाला वादा निभा चुके बीएस येदियुरप्पा के सामने आज एक और अग्निपरीक्षा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा को आज शाम 4 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत साबित करना है. अगर वो ऐसा कर पाते हैं, तो उनकी कुर्सी बची रहेगी, अन्यथा सीएम बनने का मौका जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मिल सकता है.

Live अपडेट्स:

इसी जद्दोजहद में भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस जुट गये है. आज सुबह से ही दल अपने अपने विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं.

-सुबह 8.50 बजे: गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे होटल हिल्टन पहुंचे हैं. यहां कांग्रेस और जेडीएस के विधायक मौजूद हैं. हैदराबाद से विधायकों को लाकर यहीं रखा गया है.

सुबह 8.40 बजे: शंगरी-ला होटल में बीजेपी की बैठक चल रही है. इस बैठक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कर्नाटक के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर समेत बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं. होटल के बाहर येदियुरप्पा ने कहा मैं 100 प्रतिशत बहुमत साबित करने जा रहा हूं.

कांग्रेस विधायक बेंगलुरु पहुंचे:

-कर्नाटक में आज फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस एमएलए वापस बंगलुरु पहुंच गए हैं. देर रात हैदराबाद से एमएलए बंगलुरु के लिए रवाना हुए और आज करीब 7 बजे बंगलुरु पहुंच गये हैं.

-इससे पहले नव-निर्वाचित विधायक शुक्रवार को ही हैदराबाद पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया. इसके बाद विधायकों को फ़ौरन उल्टे पांव लौटना पड़ा.

-खरीद-फरोख्त के डर से कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था, जहां से देर रात उन्होंने बेंगलुरु की फ्लाइट ली. सुबह सेवेरे दोनों पार्टियों के विधायक बेंगलुरु पहुंच गए हैं.

-यहां पहुंचने के बाद विधायकों को बस से होटल हिल्टन ले जाया गया. कांग्रेस और जेडीएस का भी दावा है कि शक्ति परीक्षण में जीत उनके गठबंधन की ही होगी.

बीजेपी को 7 विधायकों की जरूरत:

गौरतलब है कि येदियुरप्पा के सामने 7 विधायकों की कमी है लेकिन वो फिर भी सदन के सामने टेस्ट में पास होने का दावा कर रहे हैं.

-इसके पहले राज्यपाल ने येदियुरप्पा सरकार को 15 दिन का समय दे रखा था, लेकिन SC ने अवधि घटा दी. हालांकि बीजेपी ने सोमवार तक का समय मांगा लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी थी.

अदालत ने कहा फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायक शपथ लेंगे और डीजीपी सुरक्षा के पूरे प्रबंध करेंगे. कोर्ट ने गुप्त मतदान या वीडियोग्राफी की मांग नामंज़ूर कर दी.

भाजपा की जीत के विकल्प:

कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का हासिल करने के लिए येदियुरप्पा के सामने कुछ विकल्प ही मौजूद हैं.

-पहला विकल्प ये है कि पार्टी लाइन से अलग होकर कांग्रेस या जेडीएस के 7 विधायक विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट दे दें, जिससे बीजेपी का आंकड़ा 104 से बढ़कर 111 हो जाए.

-दूसरा विकल्प है कि विपक्ष के 14 विधायक मतदान से गैरहाजिर रहें, जिससे सदन की संख्या 221 से घटकर 207 हो जाएगी और तब बहुमत के लिए बीजेपी को सिर्फ 104 विधायकों की ही जरुरत पड़ेगी, जो कि उसके पास मौजूद हैं.

प्रोटेम स्पीकर पर सुनवाई:

बता दे कि आज 10.30 बजे फ्लोर टेस्ट से पहले प्रोटेम स्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

कांग्रेस और जेडीएस ने कर्नाटक में वरिष्ठतम विधायक के बजाय जूनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की है.

कांग्रेस और जेडीएस ने याचिका में कहा है कि जूनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करना संसदीय परम्परा के खिलाफ है.

अब तक की परंपरा के मुताबिक पार्टीलाइन से ऊपर उठकर वरिष्ठतम विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है.

प्रोटेम स्पीकर सभी विधायकों को शपथ दिलाता है और स्पीकर का चुनाव करवाता है.

इनकी नियुक्ति फ्लोर टेस्ट को सीज करने और प्रभावित करने के लिए की गई है, जिस फ्लोर टेस्ट का निर्देश खुद सुप्रीम कोर्ट ने दिए है.

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