हाल ही में सेना प्रमुख का चयन हुआ है, जिसमे लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को चुन उन्हें सेना प्रमुख बनाया गया है. जिसके बाद ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी इस निर्णय से नाराज़ हैं. बताया जा रहा है कि वे जल्द ही रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से इस सिलसिले में मुलाक़ात करेंगे.
वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया था नज़रअंदाज़ :
- हाल ही में थल सेना प्रमुख का चयन हुआ है जिसमे वरिष्ठ अधिकारियों को नज़रंदाज़ कर दिया गया था.
- बताया जा रहा अहि कि इस चयन से सेना के वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी खासा नाराज़ हैं.
- जिसके बाद बताया जा रहा है कि अब ईस्टर्न आर्मी कमांडर बख्शी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलेंगे.
- आपको बता दें कि सरकार ने 17 दिसंबर को ही दो वरिष्ठ अधिकारियों के नजरअंदाज किया गया था.
- जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नए सेना प्रमुख बनाने का ऐलान किया.
- बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी लेफ्टिनेंट जनरल रावत से एक साल वरिष्ठ हैं.
- इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज भी लेफ्टिनेंट जनरल रावत से छह महीने वरिष्ठ हैं.
- परंतु इन दोनों की वरिष्ठता की अनदेखी कर सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को उत्तराधिकारी घोषित किया है.
- सेना में कुछ एक मौकों को छोड़ दिया जाए तो अब तक परंपरा रही है कि वरिष्ठ अधिकारी को ही सेना प्रमुख बनाया जाता है.
- परंतु सरकार ने इस बार इसके बदले मेरिट को तरजीह दी है.
- रक्षा मंत्रालय के अनुसार न तो लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी को चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बनाया जा रहा है.
- ना ही उन्हें परमानेंट चेयरमेन चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी बनाया जा रहा है.
- ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल के पास दो ही विक्ल्प बचते है या तो अपने जूनियर के नीच काम करें.
- या फिर अपने पद से इस्तीफा दे दें.
- सेना में अब तक यह परंपरा रही है ऐसे हालात में सीनियर अपने जूनियर के अधीन काम करना पसंद नहीं करते हैं.
- जिसके तहत वे अपना इस्तीफा सरकार को सौंप देते हैं.