बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोटों को भारत में बंद कर दिया गया है। इसके बाद से ही पीएम के इस फैसले को समर्थन और आलोचना दोनों ही मिल रहे है। इसी सम्बन्ध में लखनऊ हाईकोर्ट में इन नोटों को दुबारा शुरू करने सम्बन्धी याचिका खारिज कर दी गयी है।

केंद्र सरकार ने लिया साहसिक निर्णय :

  • बीते दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 500 और 1000 रुपये की नोटों को बंद करने के सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताया है।
  • उच्च न्यायालय द्वारा 500 और 1000 के नोटों को बंद करने सम्बन्धी याचिका को खारिज भी कर दिया।
  • न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की संयुक्त खंडपीठ ने यह फैसला गौरव गुप्ता की याचिका पर सुनाया।
  • याची ने कहा कि आम जनता को पुराने नोटों के पर नए नोट की व्यवस्था करने के लिए बहुत कम वक्त दिया गया है।

यह भी पढ़े : बैंकों और ATM के बाहर लंबी लाइन से मुक्ति पाने के लिए अपनाएं यह तरीका!

  • केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला बिना आम जनता की परवाह किये लिया गया है।
  • सबसे ज्यादा परेशानी मरीजो को और उनके तीमारदारो को हो रही है।
  • केंद्र सरकार द्वारा कहा गया कि पुरानी नोटों को बदलना काला धन, आतंकवाद के खिलाफ सरकार का बड़ा फैसला है।
  • इस फैसले से निचित तौर पर भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा और देश आगे बढ़ेगा।

यह भी पढ़े : कालाबाजारी करने वाले ही नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं- रविशंकर प्रसाद

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें