प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार ने बीते दिनों भारत में बिजली खपत को कम करने के लिए जनता के लिए उजालायोजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत भारत की जनता में एलईडी बल्बों का वितरण किया गया था जिससे ज्यादा रोशनी हो और बिजली की खपत कम हो। भारत के सभी राज्यों में इस योजना का शुभारम्भ पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद किया था। इस योजना के अंतर्गत एलईडी बल्ब बाजार से कम मूल्य में मात्र 80 रुपयों में दिया जा रहा है। मगर इन बल्बों के पीछे की सच्चाई तो अब सामने आयी है।

`मेड इन चाइना` है बल्ब :

  • बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रांची में जो बल्ब वितरित किये गए है उन सभी पर Made In China छपा हुआ है।
  • जबकी इस योजना के तहत भारत में बने बल्बों का वितरण किया जाना चाहिए।
  • एलईडी बल्ब का वितरण केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय का सार्वजनिक उपक्रम एनर्जी इफिशियेंसी (इइएसएल) द्वारा किया जाता है।
  • रांची के कोकर स्थित उपकेन्द्र से एक उपभोक्ता ने 4 बल्ब खरीदे।
  • जैसे ही उसने देखा तो उसने पाया कि सभी पैकेट पर Made In China लिखा हुआ है।
  • इसके अलावा सरकार द्वारा 9 Watt के एलईडी बल्ब के वितरण के लिए टेंडर प्राइस 54 रूपये प्रति बल्ब रखा गया था।

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  • इसके बदले में भारत के  Philips ने इसे 38 रूपये लगा कर टेंडर हासिल कर लिया था।
  • Philips के टेंडर हासिल कर लेने से भारतीय निर्माताओं को बुरा झटका लगा है।
  • मगर अब उसके द्वारा द्वारा भारत के बजाय चाइना के बल्बों का वितरण किया जा रहा है।
  • इस बारे में सरकार को पता चलते ही रांची के सभी केन्द्रों से बल्बों का वितरण तत्काल रोक दिया है।
  • सभी केन्द्रों से बल्बों को वापस ले कर जांच के बाद ही बल्बों के वितरण के आदेश दिए गए है।

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