मद्रास हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सप्ताह में कम से कम एक बार वंदेमातरम गाना अनिवार्य कर दिया है।

यह भी पढ़ें… स्कूलों में गीता की पढ़ाई अनिवार्य, मानसून सत्र में आ सकता है विधेयक!

राष्ट्रीय गीत को लेकर हाई कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश :

  • मद्रास हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की, जिसके बाद यह फैसला लिया है।
  • कोर्ट ने कहा शैक्षणिक संस्थान के अलावा सभी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनियों में भी महीने में एक बार राष्ट्रगीत जरूर बजना चाहिए।
  • राज्य के सूचना विभाग को वंदे मातरम को सभी भाषा में अपलोड करना चाहिए।
  • कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें ये सोशल मीडिया पर भी डालना चाहिए।
  • इस आदेश की एक कॉपी तमिलनाडु के चीफ सेकेट्री को भी भेजी जाएगी।
  • अगर किसी व्यक्ति को वंदे मातरम गाने में कोई तकलीफ हो रही है, तो उसे जबरन गाने को मजबूर नहीं किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें… सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजने पर सुप्रीम कोर्ट का एक और फैसला!

एक याचिका पर सुनवाई कर लिया यह फैसला :

  • वीरामणी नाम के एक छात्र ने राज्य सरकार की नौकरी के लिए परीक्षा दी थी।
  • जिसमें वो एक नंबर से फेल हो गया।
  • फेल होने का कारण वंदे मातरम गीत किस भाषा में लिखा गया है इस सवाल के जवाब में गलत उत्तर देना बताया गया था।
  • वीरामणी ने अपने उत्तर में बताया था कि वन्दे मातरम् गीत बंगाली भाषा में लिखी गई थी।
  • जबकि बोर्ड की तरफ से उसका सही उत्तर संस्कृत बताया गया।
  • इसी को लेकर वीरामणी ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल किया।
  • जिसमें वन्दे मातरम् की भाषा पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया।
  • 13 जून को राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम मूल तौर पर संस्कृत भाषा में था।
  • आगे कहा कि बाद में उसे बंगाली भाषा में लिखा गया था।
  • इसी के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने वन्दे मातरम् को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है।

यह भी पढ़ें… प्रथम क्रांति के शहीदों को याद कर देश भक्ति गीतों से गूंजा गोमती तट!

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें